मनु भाकर के साथ ये नाम मत भूलिएगा...कौन हैं सरबजोत सिंह? Paris Olympics में जीता ब्रॉन्ज; कभी फुटबॉलर बनने का देखते थे सपना

Sarabjot Singh Manu Bhaker Paris Olympics 2024 Bronze Medal Shooting
सरबजोत सिंह और मनु भाकर (Photo Credit:- X @sportwalkmedia)

Paris olympics 2024 Sarabjot Singh Life Story: पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह और मनु भाकर की जोड़ी ने एक साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। पेरिस ओलंपिक में जहां सरबजोत सिंह ने एक मेडल भारत को दिलाया, वहीं मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दूसरा मेडल जीता है। 22 साल की मनु ओलंपिक इतिहास में ऐसी पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक ओलंपिक में दो मेडल जीते हैं। मनु ने रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। मगर मनु की सफलता के पीछे आप सरबजोत का नाम नहीं भूल सकते।

मंगलवार यानि आज मनु भाकर और सरबजोत सिंह का 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल के लिए दक्षिण कोरिया की ली वोन्हो और ओह ये जिन से मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में दक्षिण कोरिया की जोड़ी को 16-10 से हराकर भारतीय शूटर्स ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह पेरिस ओलंपिक में भी भारत का दूसरा मेडल ही है।

पंजाब अंबाला के रहने वाले हैं सरबजोत सिंह

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को दूसरा मेडल दिलाने वाले सरबजोत सिंह पंजाब के अंबाला (धीन गांव) के रहने वाले हैं। वह एक किसान परिवार से आते हैं उनके पिता का नाम जतिंदर सिंह और मां का नाम हरदीप कौर है। सरबजीत ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की है। सरबजोत सिंह के पिता बताते हैं कि जब सरबजोत 13 साल के थे तब वह फुटबॉलर बनना चाहते थे। सरबजोत ने समर कैंप के दौरान कुछ बच्चों को एक अस्थायी रेंज में एयर गन चलाते देखा था। तब से उनके दिमाग से यह खेल निकला ही नहीं।

बच्चों को निशाना लगाता देख पिता से जताई इच्छा

बच्चों को समर कैंप के दौरान पिस्टल से निशाना लगाते देख सरबजोत को भी निशाना लगाने के मन हुआ जिसके बाद से उनके दिमाग से यह खेल नहीं गया। 2014 में सरबजोत ने अपने पिता से शूटिंग करने की इच्छा जताई। उन्होंने पिता से कहा कि मैं शूटिंग करना चाहता हूं। लेकिन उनके पिता जितेंदर सिंह ने कहा कि यह खेल बहुत महंगा है और मना कर दिया। हांलाकि सरबजोत ने बार-बार कहा कि शूटिंग खेलना हैं जिसके बाद उनके पिता भी उनकी बात से सहमत हो गए। वह कोच अभिषेक राणा से ट्रेनिंग लेते हैं।

2019 में सरबजोत ने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था। यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट रहा था। और यहीं से उनका करियर बदलने लगा था। आज फिर सरबजोत सिंह ने भारत को गौरान्वित महसूस कराया है। सरबजोत सिंह शूटिंग के इस खेल में अपनी परिपक्वता और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इस मिक्स्ड इवेंट से पहले सिंगल्स इवेंट में भी वह पदक की रेस में आने से चूक गए थे, मगर उनका प्रदर्शन लाजवाब था।

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Edited by Priyam Sinha
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