चीन के हांगझाओ में हुए एशियन गेम्स में भारत को अभी तक कई पदक प्राप्त हो चुके हैं लेकिन स्क्वॉश पुरुष टीम में मिले गोल्ड मेडल की चर्चा पिछले कई दिनों में सबसे ज्यादा हुई है। भारत ने पाकिस्तान को बेहद रोमांचक फाइनल में हराकर दूसरी बार टीम इवेंट में गोल्ड जीता। टीम के युवा खिलाड़ी अभय सिंह ने निर्णायक मैच में बेहतरीन वापसी कर भारत को जीत दिलाई और देश के खेल प्रेमियों को खुश कर दिया। लेकिन आपको शायद ही पता हो कि अपने तेज-तर्रार शॉट्स से विरोधियों को छकाने वाले इस खिलाड़ी ने महज वजन कम करने के लिए स्क्वॉश का रैकेट थामा था और कई सालों तक इसे केवल हॉबी की तरह देखते थे।
एक साल में घटाया 24 किलो वजन
3 सितंबर 1998 के दिन चेन्नई में जन्में अभय का वजन बचपन से ही काफी ज्यादा था। अभय के पड़ोसी स्क्वॉश खेला करते थे। अभय का वजन बढ़ता वजन देखते हुए उनकी मां ने अभय को स्क्वॉश खेलने भेजा ताकि बेटा फिट रह सके। ऐसे में 8 साल की उम्र में अभय ने पहली बार स्क्वॉश के कोर्ट में कदम रखा। लेकिन कई सालों तक वह इसे बतौर शौक ही खेल रहे थे। अभय का वजन एक समय 97 किलोग्राम तक पहुंच गया था लेकिन फिर उन्होंने जी जान लगाकर स्क्वॉश को खेला और महज एक साल में 24 किलो के आसपास वजन घटा लिया। अभय को खाने में मावा मिश्री नाम की मिठाई भी काफी पसंद रही है लेकिन अब खेल के कारण उन्होंने इसका सेवन काफी कम किया है।
पढ़ाई का नहीं है शौक
16 साल की उम्र में अभय ने स्क्वॉश को बतौर प्रोफेशनल खेल खेलने का फैसला लिया। एक इंटर्व्यू में अभय ने बताया कि पहले वह शौक के रूप में ही इसे खेलते थे लेकिन जब उन्होंने कुछ अच्छी रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को हराना शुरु किया तो उन्होंने अपना फैसला बदला। अभय को पढ़ाई का शौक नहीं है। उनके मुताबिक वह बैठकर लगातार पढ़ना पसंद नहीं करते और इसलिए भी उन्हें स्क्वॉश काफी पसंद रहा।
पूर्व राष्ट्रीय जूनियर नंबर 1 खिलाड़ी
वर्तमान में अभय की रैंकिंग विश्व में 71 है। वह अपने करियर में 7 खिताब जीत चुके हैं। साल 2019 में नेपाल में हुए साउथ एशियन गेम्स में अभय ने एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और फिर टीम ईवेंट में सिल्वर हासिल करने में कामयाब रहे। अभय अंडर-19 कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर पर नंबर 1 खिलाड़ी रह चुके हैं। लगातार खेल के लिए मेहनत करने वाले अभय ने 19वें एशियाड में पाकिस्तानी टीम के खिलाफ अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया है। इस खिलाड़ी से आने वाले भविष्य में और भी उपलब्धियों की उम्मीद की जा सकती है।