भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी, कुछ शीर्ष स्टार हरियाणा के सोनीपत में 40 दिवसीय नेशनल कैंप में एकत्रित हुए। कोरोना वायरस महामारी के कारण सात महीने के ब्रेक के बाद भारतीय पैडलर्स नेशनल कैंप में लौटे। हालांकि, अगले साल टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाइंग दौर के लिए विदेशी कोचिंग की नियुक्ति इस समय मुश्किल है। सोनीपत के दिल्ली पब्लिक स्कूल में शुरू हुए नेशनल कैंप में शीर्ष पैडलर्स में भारत के शीर्ष रैंक वाले अचंता शरम कमल का नाम शामिल है।
टेबल टेनिस खिलाड़ी नेशनल कैंप के लिए बुधवार को पहुंच गए थे और अब वह पांच दिन क्वारंटीन में रहेंगे, जिसके बाद ट्रेनिंग से पहले उन्हें अनिवार्य कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा। हालांकि, टेबल टेनिस सर्किट के दो शीर्ष खिलाड़ी जी साथियान और मनिका बत्रा नेशनल कैंप में भाग नहीं लेंगे। साथियान पोलिश लीग में कम अवधि के बाद लौटे हैं और अब जापान में लीग में हिस्सा लेंगे। वहीं मनिका बत्रा ने फैसला किया है कि वह पुणे में ही अपनी ट्रेनिंग जारी रखेंगी। इसके अलावा हरमीत देसाई इस समय जर्मनी में अभ्यास में व्यस्त हैं जबकि श्रीजा अकुला ने निजी कारणों से नेशनल कैंप में हिस्सा नहीं लिया।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील बाबरस के मार्गदर्शन में नेशनल कैंप आयोजित किया जा रहा है, जिसमें खिलाड़ियों के लिए नेशनल कैंप में शामिल होना अनिवार्य नहीं है। भारतीय टीम सितंबर 2018 से बिना हेड कोच के है। इससे पहले मासिमो कोस्टानटिनी ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। जुलाई 2019 में डेजान पापिक को विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन वह चिकित्सीय कारणों से जुड़ नहीं सके।
नेशनल कैंप जारी रहेगा, ओलंपिक्स से पहले विदेशी कोच मुश्किल
भारतीय टेबल टेनिस संघ (टीटीएफआई) के सचिव एमपी सिंह ने कहा कि ओलंपिक्स से पहले विदेशी कोच की नियुक्ति मुश्किल है, जो 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 में दोबारा तय किए गए हैं। एमपी सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा था, 'नेशनल कैंप अभी आयोजित किया जा रहा है। मगर ओलंपिक्स से पहले विदेशी कोच की नियुक्ति मुश्किल है। इससे पहले योजना थी कि 2020 के अंत तक हम किसी को नियुक्त करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।'
सिंह ने आगे कहा, 'साई ने कहा कि टीटीएफआई एक या दो कोच नियुक्त कर सकता है। इसमें उन्हें कोई समस्या नहीं है।' मगर अधिकांश शीर्ष कोच उपलब्ध नहीं है और कोरोना वायरस महामारी के कारण कई रुकावटें भी हैं। सिंह ने आगे कहा कि अगर विश्व चैंपियनशिप्स के बाद कोई कोच उपलब्ध हुआ तो फेडरेशन उस पर ध्यान दे सकती है।