भारत की दिग्गज टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने पिछले कुछ सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 2018 में शानदार प्रदर्शन के कारण मनिका बत्रा को भारत के टेबल टेनिस में अगली बड़ी चीज माना जा रहा था, लेकिन अचानक ही उनके फॉर्म में गिरावट आई। बहरहाल, टेबल से दूर मनिका बत्रा ने लगातार तारीफें बटोरी। पिछले महीने मनिका बत्रा देश की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं, जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
25 साल की उम्र में मनिका बत्रा ने देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार जीता। इससे उन पर दबाव भी बढ़ा। मनिका बत्रा को अब पेशेवर टेबल टेनिस टूर में अपनी छाप छोड़नी है। बहरहाल, अवॉर्ड मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए मनिका बत्रा ने कहा, 'इस उम्र में खेल रत्न जीतना प्रेरणादायी है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी प्रकार की जिम्मेदारी का बोझ है। जिम्मेदारी यही है कि लगातार बेहतर खेलना और देश के लिए मेडल जीतना है और यह ऐसी चीज है जो मैं हमेशा करना पसंद करूंगी।'
मनिका बत्रा को अपनी उपलब्धियों पर गर्व
गर्व और सम्मान से भरी मनिका बत्रा जिस पल कैमरा के सामने खड़ी थी, तो पैडलर ने उन लोगों को जवाब दिया है, जिन्होंने उनके नामांकन पर सवाल किया था। बता दें कि मनिका बत्रा को 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
मनिका बत्रा ने आलोचकों पर चुटकी लेते हुए कहा, 'मेरे ख्याल से आपको पहचान तब मिलती है, जब आप को कुछ हासिल करते हो। मुझे इस पर गर्व है। मेरा मानना है कि यह अवॉर्ड न सिर्फ मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि टेबल टेनिस खिलाड़ी के रूप में तेजी से अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने में मदद करेगा। इसके अलावा यह अवॉर्ड युवा पीढ़ी को अपने लक्ष्य के प्रति काम करने के लिए भी प्रेरित करेगा।'
मनिका बत्रा के लिए 2018 का सीजन सबसे शानदार रहा था। मनिका बत्रा ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में चार मेडल जीते थे। मनिका बत्रा ने एकल और टीम गोल्ड जीता, युगल में सिल्वर जबकि मिश्रित युगल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद मनिका बत्रा ने दिग्गज शरत कमल के साथ जकार्ता एशियाई खेलों में ऐतिहासिक मिश्रित युगल ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
इसकी मदद से भारत में टेबल टेनिस की लोकप्रियता बढ़ी, लेकिन एक टूर के बाद मनिका बत्रा के प्रदर्शन में गिरावट आने लगी। फरवरी 2019 में दुनिया की शीर्ष 50 पैडलर्स में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी मनिका बत्रा पर दोहरी मार रैंकिंग और फॉर्म दोनों में गिरावट दर्ज हुई। मनिका बत्रा अपने बचपन के कोच संदीप गुप्ता से अलग हुई और पुणे में सनमय परांजपे के पास चली गईं।
मनिका बत्रा ने कहा, 'फॉर्म में गिरावट का कोई निश्चित कारण नहीं है। जी हां मैंने कुछ इवेंट्स में गलतियां की, लेकिन यह किसी भी एथलीट के करियर का हिस्सा है। मैंने इनसे सीख ली और सुधार करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही हूं। यह निरंतर प्रक्रिया है।'
दुनिया में 63वीं रैंकिंग वाली मनिका बत्रा का लक्ष्य है कि अगले साल ओलंपिक्स में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। मनिका बत्रा ने कहा, '2021 के लिए प्रमुख लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक्स है, लेकिन मैं टूर्नामेंट में कुछ अच्छे प्रदर्शन करके अपने चरम फॉर्म पर पहुंचना चाहती हूं।'