भारत के दिग्गज टेबल टेनिस खिलाड़ी जी साथियान उन चुनिंदा भारतीय एथलीट्स में से एक हैं, जो पिछले पांच महीने में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल चुके हैं। जी साथियान ने पिछले साल अक्टूबर में दो सप्ताह के लिए पोलैंड टेबल टेनिस लीग में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने एक महीने के लिए टोक्यो में ओकयामा रिवेट्स में टी-लीग में हिस्सा लिया। जी साथियान के इस कोविड समय में अनुभव बहुत अलग रहे।
नेशनल टेबल टेनिस चैंपियनशिप के इतर टीओआई से बातचीत करते हुए साथियान ने कहा, 'जल्दी-जल्दी 14 दिन का पृथकवास एथलीट्स के लिए मददगार नहीं है। यह किसी कि लिए भी बहुत मुश्किल होगा क्योंकि एक कमरे में दो सप्ताह एकांतवास के बाद उसे आकार में लौटने में समय लगेगा। जब मैं टोक्यो में था तो मेरे कमरे का साइज टेबल टेनिस कोर्ट जितनी थी। मुझे दिन में केवल दो घंटे के लिए कमरे से बाहर निकलने की अनुमति थी। मुझे छोटे कमरे में टेबल और पार्टनर के साथ रखा गया। मानिसक रूप से मैंने अपनी जिंदगी में सबसे चुनौतीपूर्ण समय बिताया।'
जी साथियान ने आगे कहा, 'टोक्यो में सख्त कोविड प्रोटोकॉल बरकरार है और वह समय की जरूरत भी है। साथियान ने कहा कि उनके सत्कार का अंदाज बहुत अच्छा है और हां जापान का खाना बहुत स्वादिष्ट।'
टोक्यो जाने से जी साथियान को मिली मदद
पृथकवास अवधि के अलावा टोक्यो जाने से 28 साल के जी साथियान को इस साल दमदार वापसी करने की प्रेरणा मिली। अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ (आईटीटीएफ) रैंकिंग में 37वें स्थान पर काबिज जी साथियान ने कहा, 'मैं लंबे समय से जापान का इंतजार कर रहा था। मैं ओलंपिक्स का एहसास करना चाहता था। टोक्यो जाने से मुझे काफी मदद मिली। लीग उच्च दर्जे की थी। सभी खिलाड़ियों की रैंकिंग मुझसे ज्यादा थी। उनमें से अधिकांश टॉप-20 खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं। दर्शकों के बिना भी मैच बेहद करीबी थे। मैंने वहां चार मैच खेले, जिसमें से एक जीता जबकि तीन हार। यह जीत शीर्ष रैंक वाली खिलाड़ी की होगी। अगर मुझे तैयारी करने का समय मिलता तो मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकता था।'
जी साथियान को उम्मीद है कि इस साल टोक्यो जरूर आयोजित होगा जबकि संकट के बादल मंडरा रहे हैं कि इसका आयोजन खतरे में है। जी साथियान ने कहा, 'मेरे विचार से सभी अफवाहों के बावजूद वह आयोजन को लेकर तैयार हैं। आपको वहां बिलबोर्ड दिखेंगे और शहर में सभी शीर्ष जापानी एथलीट्स के पोस्टर लगे हुए हैं। इससे मुझे काफी प्रोत्साहन मिला।'