क्ले कोर्ट के इस बादशाह की बादशाहत भले पहले जैसी न दिखती हो पर इनके आकंड़ों पर एक नज़र डालें तो अंदाजा हो जाता है कि किस महान प्रतिभा का धनी है यह खिलाड़ी। अपने आक्रामक बेसलाइन खेल के लिए विख्यात, अपनी बलिष्ठ काया के दम पर इस बलवान, प्रतिभावान खिलाड़ी ने अपने पेशेवर करियर में लगभग सभी खिताब जीतें हैं. उनके नाम अब तक कुल 69 करियर टाइटल्स हैं जिनके 14 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं- 2009 में एक ऑस्ट्रेलियाई ओपन, नौ फ्रेंच ओपन टाइटल्स का एक महान रिकॉर्ड, 2008 और 2010 में दो विम्बलडन खिताब, और 2010 और 2013 में दो अमेरिकी ओपन खिताब उनके नाम हैं। उन्होंने दो ओलिंपिक स्वर्ण भी जीतें हैं जिनमें बीजिंग ओलिंपिक का सिंगल्स टूर्नामेंट का स्वर्ण पदक और रिओ ओलंपिक्स में मेंस डबल्स में स्वर्ण पदक शुमार है। हालांकि नडाल को जो एक खिताब अब भी जीतना बाकी है वह है ATP World Tour Finals. 2010 और 2013 में नडाल रनर -अप रहे हैं और ये अबतक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2010 राफा के लिए कमान का साल था जब उन्होंने फ्रेंच ओपन, विंबलडन और US ओपन के खिताब अपने नाम कर करियर स्लैम जीता और उस साल लन्दन में हुए ATP World Tour Finals के लिए वे प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। नडाल ने ग्रुप स्टेज तक तो अपना प्रभुत्व स्थापित रखा और अपने सारे मैच जीते। सेमी फाइनल में एंडी मुर्रे से कड़े मुकाबले में वे 7-6, 3-6, 7-6 के स्कोर से जीते। फाइनल में उनका मुकाबला रोजर फेडरर से हुआ जिन्होंने अब तक अपना एक भी मैच नहीं हरा था। पहले सेट में फेडरर ने नडाल को 6-3 से हराया पर दुसरे सेट में नडाल ने वापसी की और फेडरर को 6-3 से मात दी। हालांकि तीसरे सेट में फेडरर में नडाल को 6-1 से बुरी मात दी और खिताब अपने नाम किया। दूसरी बार नडाल 2013 में World Tour Finals के फाइनल तक पहुंचे. इस बार भी US ओपन जीत कर उन्होंने अपनी विश्व नंबर 1 की रैंक बरकरार रखी थी और इस खिताब के लिए पसंदीदा दावेदार थे। इस बार नडाल फेडरर से सेमी फाइनल में भिड़े और 7-5, 6-3 के स्कोर से उन्हें मात दी और फाइनल में उनकी भिडंत हुई नोवाक जोकोविक से। जोकोविच ने नडाल को सीधे सेटों में पराजित कर खिताब अपने नाम कर लिया। नडाल के पास अभी भी मौके हैं कि वे ये खिताब अपने नाम कर सकें पर उनकी मौजूदा फॉर्म और उनके प्रतिद्वंदियों के प्रभावशाली खेल को देखते हुए अब ये खिताब जीत पाना उनके लिए थोडा कठिन लगता है।