यूरोपीय देश बुल्गारिया में हो रहे सोफिया ओपन एटीपी 250 टूर्नामेंट में इस बार सभी ऑफिशियल्स महिलाए हैं और ऐसे में ये टूर्नामेंट ऐतिहासिक बन गया है। एटीपी टूर इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टूर्नामेंट में सभी चेयर अंपायर की टीम महिलाओं की हो। खास बात ये है कि सिर्फ चेयर अंपायर नहीं बल्कि टूर्नामेंट डायरेक्टर, रेफरी, सुपरवाइजर और अंपायर चीफ भी महिलाएं ही हैं।
टूर्नामेंट की डायरेक्टर के गॉडकिन्डी ने एटीपी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उनका इरादा यह बिल्कुल नहीं था कि सभी अधिकारी महिलाएं हों, और ये महज एक इत्तेफाक है जो ऐतिहासिक बन गया है।
हमें शुरुआत में इस बात का अंदाजा भी नहीं हुआ कि ये कितना ऐतिहासिक है। टूर्नामेंट की टीम जब तैयार की जा रही थी, तब हम सिर्फ लोगों की काबिलियत पर उन्हें अंपायर, रेफरी जैसे रोल दे रहे थे। टीम की लिस्ट तैयार होने के बाद हमने देखा कि सभी महिलाएं थीं। हम सभी ने इसे खेल की तरह देखा और इसमें महिला-पुरुष खिलाड़ी की निगाह से कुछ अलग नहीं किया। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि टेनिस का खेल अच्छे से हो।
दुनिया में कई देशों में और कई खेलों में पिछले कुछ सालों में महिला रेफरी, कमेंटेटरों को पुरुषों की स्पर्धाओं में जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन टेनिस की दुनिया में काफी लंबे समय से महिला चेयर अंपायर पुरुषों के टूर्नामेंट में काम करती आ रही हैं। लेकिन टेनिस की दुनिया में टूर्नामेंट डायरेक्टर से लेकर चीफ अंपायर जैसे बड़े-बड़े रोल भी महिलाओं को दिए जा रहे हैं।
सोफिया ओपन में 29 सितंबर के दिन चार सेंटर कोर्ट मुकाबले हुए और चारों में ही महिला चेयर अंपायर रहीं। एटीपी टूर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। महिलाओं की भागीदारी टेनिस के खेल में पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुई है। चारों ग्रैंड स्लैम में पुरुष खिलाड़ियों के बराबर इनामी राशि से लेकर पुरुषों के मैच को ऑफिशियेट करने तक, हर छोर पर महिलाएं योगदान देती नजर आ रही हैं।