महज 18 साल के स्पेन के कार्लोस अलकराज मियामी ओपन मास्टर्स के फाइनल में पहुंच गए हैं। 14वीं वरीयता प्राप्त कार्लोस ने पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल में गत चैंपियन और 8वीं वरीयता प्राप्त पोलैंड के ह्यूबर्ट हर्कग्ज को 7-6, 7-6 से हराते हुए अपने करियर के पहले एटीपी 1000 ईवेंट के फाइनल में जगह बनाई। दो हफ्ते पहले ही कार्लोस ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए इंडियन वेल्स मास्टर्स के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी और अब ये युवा खिलाड़ी अपने करियर का पहला मास्टर्स खिताब जीतने से बस एक जीत दूर है। वहीं क्वार्टर-फाइनल में टॉप सीड डेनिल मेदवेदेव को हराने वाले हर्कग्ज लगातार दूसरा मियामी ओपन खिताब जीतने का सपना पूरा नहीं कर पाए।
कार्लोस मियामी ओपन के पुरुष सिंगल्स फाइनल में पहुंचने वाले इतिहास के दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उनसे पहले उनके आदर्श स्पेन के ही राफेल नडाल ने 18 साल की उम्र में साल 2005 में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि उस साल नडाल रॉजर फेडरर से हार गए थे, लेकिन नडाल के टैलेंट को पहचान दिलाने में तब इस प्रतियोगिता ने काफी अहम भूमिका निभाई थी और फैंस का मानना है कि कार्लोस के साथ भी ऐसा ही होने जा रहा है।
अब फाइनल में कार्लोस का सामना छठी वरीयता प्राप्त नॉर्वे के कैस्पर रूड से होगा जो खुद भी पहली बार एटीपी मास्टर्स टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं। रूड ने दूसरे सेमीफाइनल में गैर वरीय अर्जेंटीना के फ्रांसिस्को सेरुनडोलो को आसानी से 6-4, 6-1 से हराया।
रूड ने क्वार्टरफाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त जर्मनी के एलेग्जेंडर ज्वेरेव को मात दी थी। ऐसे में कार्लोस के लिए रूड से पार पाना आसान बिल्कुल नहीं होगा। लेकिन टेनिस प्रेमी रविवार को होने वाले इस फाइनल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि 18 साल और 23 साल के दो उभरते खिलाड़ियों के बीच फाइनल एक मियामी ओपन में एक नया विजेता देगा।