नोवाक जोकोविच ने भले ही विम्बल्डन का पुरुष सिंगल्स खिताब जीत लिया हो, लेकिन उन्हें इस टूर्नामेंट की वजह से एटीपी रैंकिंग में खासा नुकसान झेलना पड़ा है। जी हां, पूर्व विश्व नंबर 1 नोवाक जोकोविच ताजा जारी एटीपी रैंकिंग में नंबर 7 पर खिसक गए हैं। विम्बल्डन की शुरुआत पर जोकोविच तीसरे नंबर पर थे लेकिन उन्हें पूरे 4 स्थान का नुकसान हुआ है। इसका मुख्य कारण है इस बार विम्बल्डन में रैंकिंग प्वाइंट का न होना।
दरअसल विम्बल्डन आयोजकों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इस बार रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों के विम्बल्डन में खेलने पर बैन लगा दिया था। ऐसे में इस फैसले का विरोध एटीपी और WTA द्वारा किया गया जो क्रमश: दुनिया में पुरुष और महिला टेनिस की गवर्निंग बॉडी के रूप में काम करती हैं। इसके साथ ही एटीपी और WTA ने फैसला लिया कि विम्बल्डन में इस बार कोई रैंकिंग प्वाइंट नहीं दिए जाएंगे।
टेनिस में किसी भी टूर्नामेंट में इस बार खिलाड़ी को कितने अंक मिलेंगे, ये उसके पिछले साल के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए विम्बल्डन पुरुष सिंगल्स जीतने पर 2000 अंक मिलने का प्राविधान है, लेकिन यदि किसी खिलाड़ी ने पिछले साल ये खिताब जीता हो तो उसे ये 2000 अंक बचाने पड़ते हैं। ऐसे में क्योंकि जोकोविच गत विजेता थे इसलिए उन्हें 2000 अंक बचाने थे। जोकोविच ने फाइनल तो जीता, लेकिन क्योंकि इस बार रैंकिंग प्वाइंट विम्बल्डन में दिए ही नहीं जाने थे, ऐसे में जोकोविच को पूरे 2000 रैंकिंग प्वाइंट का नुकसान झेलना पड़ा है।
जोकोविच की तरह ही पिछली बार के उपविजेता इटली के मतेओ बेरेतिनी को भी 4 स्थान का नुकसान हुआ है और वो 11वें से 15वें नंबर पर आ गए हैं। बेरेतिनी पिछली बार फाइनल में थे ऐसे में उन्हें 1200 अंक बचाने थे लेकिन इस बार कोविड के कारण वो खेल ही नहीं पाए और उन्हें पूरे 1200 अंक गंवाने पड़े।
फिलहाल रूस के डेनिल मेदवेदेव विश्व नंबर 1 बने हुए हैं, जर्मनी के ऐलेग्जेंडर ज्वेरेव दूसरे नंबर पर हैं। स्पेन के राफेल नडाल तीसरे नंबर पर आ गए हैं। ग्रीस के स्टेफानोस सितसिपास चौथे और नॉर्वे के कैस्पर रूड पांचवे नंबर पर हैं। जोकोविच के खिलाफ इस बार फाइनल खेलने वाले निक किर्गियोस 5 स्थान खिसक कर 45वें नंबर पर आ गए हैं।