भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम विश्व चैंपियनशिप के अपने आखिरी ग्रुप मैच में फ्रांस के खिलाफ 3-0 से हार गई। इस हार के बावजूद टीम ने टॉप 16 में जगह कायम कर ली है। दो दिन पहले ही टीम इंडिया ने पिछली बार की सिल्वर मेडलिस्ट जर्मनी की टीम को मात देकर सभी को चौंका दिया था। लेकिन फ्रांस के खिलाफ खिलाड़ी ज्यादा खास नहीं कर पाए।
चीन में हो रही प्रतियोगिता में ग्रुप 2 के अपने टाई में पहले सिंगल्स मैच में भारत के मानव ठक्कर का सामना एलेक्सिस लेब्रन से हुआ। लेब्रन ने ठक्कर को 11-6, 11-8, 11-8 से मात दी। दूसरे सिंगल्स में फीलिक्स लेब्रन ने भारत के टॉप खिलाड़ी सतियन जनानशेखरन को आसानी से 11-4, 11-2, 11-6 से हरा दिया। तीसरे सिंगल्स में भारत के हरमीत देसाई ने विरोधी जूल्स रोलान्ड को काफी कड़ी चुनौती दी लेकिन जूल्स ने 5 सेट तक चला मैच 11-13, 13-11, 7-11, 11-8, 11-7 से अपने नाम किया।
खास बात ये है कि ग्रुप 2 में फ्रांस, जर्मनी और भारत, तीनों के ही 7-7 अंक हैं, लेकिन ज्यादा मैच जीतने के कारण फ्रांस पहले, जर्मनी दूसरे स्थान पर हैं और ग्रुप से सीधे प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। कुल 7 ग्रुप से 2-2 के हिसाब से 14 टीमों को डायरेक्ट नॉकआउट दौर में एंट्री मिली। इसके बाद हर ग्रुप की तीसरे नंबर की टीमों में टॉप पर भारत का स्थान है और इस तरह भारत ने भी प्री-क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है।
पिछली बार साल 2018 में जब विश्व चैंपियनशिप आयोजित हुई थी तो भारतीय पुरुष टीम अपने ग्रुप में पांचवे नंबर पर रही थी और मुख्य नॉकआउट दौर से बाहर हो गई थी। प्रतियोगिता के इतिहास में भारत ने साल 1926 में अपना इकलौता कांस्य पदक जीता था। उस साल पहली बार इसका आयोजन हुआ था। आजाद भारत के इतिहास में भारतीय पुरुष टीम को विश्व चैंपियनशिप में कोई भी टीम मेडल नहीं मिला है।