इसी सोमवार एटीपी रैंकिंग में दोबारा विश्व नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी बने रूस के डेनिल मेदवेदेव को नीदरलैंड में चल रही हर्टोन्गबोश ओपन प्रतियोगिता के फाइनल में करारी हार का सामना करना पड़ा है। मेदवेदेव को विश्व नंबर 205 खिलाड़ी टिम वैन रिजथोवेन ने सीधे सेटों में आसानी से 6-4, 6-1 से हराते हुए खिताब अपने नाम किया और अपने करियर की सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस टूर्नामेंट से पहले टिम ने करियर में एक भी एटीपी टूर्नामेंट के मेन ड्रॉ का मैच तक नहीं जीता था।
मेदवेदेव ने बतौर विश्व नंबर 2 टूर्नामेंट में भाग लिया और सोमवार को जारी नई रैंकिंग में वो पहले स्थान पर आ गए हैं। लिमेबा ओपन के नाम से मशहूर इस टूर्नामेंट के फाइनल में वाइल्ड कार्ड धारक टिम ने नई एटीपी रैंकिंग में नंबर 1 बने मेदवेदेव को महज 1 घंटे 5 मिनट के अंदर हराने में कामयाबी हासिल की।
25 साल के टिम ने चार बार यूएस ओपन चैंपियन मेदवेदेव की सर्विस ब्रेक की। अपने घर में खेल रहे टिम को फैंस और दर्शकों का पूरा समर्थन मिला, लेकिन मेदवेदेव का इतना बुरा प्रदर्शन होगा, यह सभी के लिए चौंकाने वाली बात रही। हालांकि टिम की ये जीत तुक्का नहीं है और इसी प्रतियोगिता में उन्होंने दूसरी सीड फीलिक्स अलसियामे और तीसरी सीड टेलर फ्रिट्ज को भी मात दी थी।
पिछले हफ्ते ही नोवाक जोकोविच जब फ्रेंच ओपन के क्वार्टरफाइनल में राफेल नडाल से हारे तो तय हो गया था कि एटीपी रैंकिंग में रूस के मेदवेदेव टॉप पर आ जाएंगे। लेकिन मेदवेदेव को नंबर 1 बनते ही 205वीं रैंक के खिलाड़ी के सामने किसी खिताबी मुकाबले में ऐसी हार मिलेगी, यह किसी ने नहीं सोचा था। इस हार के बाद मेदवेदेव की सोशल मीडिया पर कई टेनिस फैंस खिंचाई भी कर रहे हैं।
हालांकि टिम से हारने के बाद मेदवेदेव ने उन्हें विशेष रूप से बधाई दी। मेदवेदेव ने पिछले साल यूएस ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता, लेकिन इसके बाद से कोई खिताब नहीं जीत पाए हैं। इस साल वो ऑस्ट्रेलियन ओपन फाइनल में राफेल नडाल से हारे जबकि फ्रेंच ओपन में चौथे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए थे। अब साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विम्बल्डन में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूसी खिलाड़ियों पर लगाई गई पाबंदी के कारण मेदवेदेव नहीं खेल पाएंगे।