भारत की सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिक्स्ड डबल्स फाइनल में हारकर खिताब से चूक गई। सानिया-बोपन्ना को खिताबी मुकाबले में ब्राजील के लुईसा स्टेफानी-राफेल मातोस की जोड़ी ने 7-6, 6-2 से हराया।
सानिया मिर्जा के करियर का ये आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबला था। हार के बाद वह काफी भावुक हो गईं और उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन को दिल के काफी करीब बताया क्योंकि साल 2005 में यही से उन्होंने सिंगल्स में खेलते हुए अपने ग्रैंड स्लैम करियर की शुरुआत की थी।
मैच के बाद, उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने चार साल के बेटे के सामने किसी ग्रैंड स्लैम का फाइनल खेल पाऊंगी। इसलिए मेरे लिए यह काफी खास पल है। मैंने 18 साल पहले काफी डरते हुए यहां अपना पहला मैच खेला था और मुझे बार-बार यहां आने का मौका मिला है। रॉड लेवर एरीना मेरे लिए काफी खास रहा है। फाइनल खेलना अपने आप में खास है और भले ही हमें खिताब ना मिला हो लेकिन ग्रैंड स्लैम करियर खत्म करने के लिए इससे खास जगह और इससे खास इंसान (रोहन बोपन्ना) नहीं हो सकते।
सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ने आखिरी बार 2021 विम्बल्डन में साथ मुकाबला खेला था। दोनों ने ही इस बार काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया और सेमीफाइनल में तो तीसरी सीड जोड़ी को मात दी थी। सानिया मिर्जा ने साल 2009 में महेश भूपति के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिक्सड डबल्स का खिताब जीता था। निराशा की बात यह है कि भारत में टेनिस को नया आयाम देने वाली सानिया अपने करियर में चार बार - साल 2008, 2014, 2017 और अब 2023 में यहां मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में हारीं।
वहीं रोहन बोपन्ना का ये दूसरा ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स फाइनल था। साल 2018 में भी वो यहां उपविजेता ही रहे थे। मैच के बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने सानिया मिर्जा के साथ ही अपने मिक्स्ड डबल्स करियर की शुरुआत की थी और उस समय सानिया महज 14 साल की थीं। सानिया ने अपने करियर में 3 मिक्स्ड डबल्स और 3 महिला डबल्स खिताब जीते। वह ओवरऑल चारों ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में खिताब जीतकर अपना डबल्स करियर स्लैम जीतने में कामयाब रही हैं।