पूर्व विश्व नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर को ढाई साल की सजा, 2017 में घोषित हुए थे दिवालिया

बोरिस बेकर पर जानबूझकर धनराशि होने के बाद भी कर्ज भुगतान नहीं करने का आरोप है।
बोरिस बेकर पर जानबूझकर धनराशि होने के बाद भी कर्ज भुगतान नहीं करने का आरोप है।

6 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता और टेनिस के महानतम खिलाड़ियों में गिने जाने वाले जर्मनी के बोरिस बेकर को दिवालिया घोषित होने के बाद अब कर्ज न चुकाने के कारण ढाई साल की जेल की सजा सुनाई गई है। 17 साल की छोटी उम्र में बोरिस बेकर ने साल 1985 में विम्बल्डन पुरुष सिंगल्स खिताब जीता था और तब वो पहले गैर वरीय खिलाड़ी थे जिन्होंने कोई मेजर अपने नाम किया था। लेकिन बकाये के कारण और वित्तीय गड़बड़ियों की वजह से उन्हें जेल की सजा हुई है। कोर्ट ने पूरी अवधि में आधी अवधि बेकर को जेल के पीछे बिताने का आदेश दिया है जबकि बाकी सजा वो निगरानी में बिताएंगे।

दरअसल बेकर पर आरोप है कि अपने कर्ज को चुकाने में न सिर्फ उन्होंने देरी की बल्कि अपनी संपत्ति की जानकारी भी छुपाई। बेकर को साल 2017 में दिवालिया घोषित कर दिया गया था क्योंकि उनपर करीब 50 मिलियन ब्रिटिश पाउंड यानी आज के लिहाज से 481 करोड़ भारतीय रुपए के बराबर कर्जा हो गया था और वो इसे चुका नहीं पाए। खबरों के मुताबिक इसमें से काफी कर्जा चुकाने के लिए बेकर के पास संपत्ति थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसका ब्यौरा छुपाया ताकि संपत्ति को कोई आंच न आए। बेकर ब्रिटेन के Insolvency Laws की अवहेलना में जेल भेजे गए हैं। बेकर के अनुसार उनके पास कोई धनराशि बकाया चुकाने को नहीं बची थी लेकिन इसी अवधि में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के खातों में करोड़ों की धनराशि भेजी।

सिर्फ 17 साल की उम्र में बेकर ने विम्बल्डन का पुरुष सिंगल्स खिताब अपने नाम किया।
सिर्फ 17 साल की उम्र में बेकर ने विम्बल्डन का पुरुष सिंगल्स खिताब अपने नाम किया।

अपने जमाने में बूम-बूम के नाम से मशहूर 6 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता साल 2012 से ब्रिटेन में निवास कर रहे हैं। अपने केस की सुनवाई के दौरान बेकर ने माना कि साल 1999 में टेनिस से रिटायरमेंट के बाद उनकी वित्तीय हालत खराब होने लगी जबकि उससे पहले उनके पास टेनिस टूर्नामेंट और करियर से जरिए कमाई गई काफी धनराशि थी। सिर्फ 17 साल की उम्र में बेकर ने विम्बल्डन का पुरुष सिंगल्स खिताब जीता था और इस छोटी उम्र में मिली दौलत-शोहरत को संभालने की अकल शायद उनके पास नहीं थी, यही वजह है कि छोटी उम्र से ही बेकर बड़ी जिंदगी जीने के आदी हो गए थे।

1985 में पहला ग्रैंड स्लैम विम्बल्डन जीतने के बाद 1986 और 1989 में बेकर ने दो बार और विम्बल्डन की ट्रॉफी जीती। साल 1989 में ही बेकर ने यूएस ओपन भी जीता। 1991 और 1996 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर कुल 6 ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए। फ्रेंच ओपन में बेकर तीन बार सेमीफाइनल तक पहुंचे। साल 1996 में बेकर पर झूठे टैक्स क्लेम करने और जानकारी देने के आरोप लगे जिनकी जांच भी हुई। बेकर को साल 2002 में जर्मनी के म्यूनिख की एक कोर्ट ने 2 साल की जेल की सजा सुनाई जो बाद में सस्पेंड कर दी गई।