टेनिस जगत में  भेदभाव पर सेरेना विलियम्स का बयान, कहा -'मुझे जेल में डाल देते'

सेरेना ने ज्वेरेव को उनकी हरकत के लिए दी गई सजा को दबे शब्दों में नाकाफी बताया।
सेरेना ने ज्वेरेव को उनकी हरकत के लिए दी गई सजा को दबे शब्दों में नाकाफी बताया।

टेनिस की दुनिया के सबसे महान खिलाड़ियों में गिनी जाने वाली अमेरिकी की सेरेना विलियम्स का टेनिस कोर्ट पर महिला और पुरुष खिलाड़ियों के बीच होने वाले भेदभाव पर दर्द एक बार फिर छलका है। हाल ही में एक अंपायर के साथ बदसलूकी करने वाले जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव के ऊपर सिर्फ फाइन लगाए जाने पर सेरेना ने कहा कि अगर वो ऐसे करती तो शायद वो जेल में होतीं। अपने करियर में 23 सिंगल्स ग्रैंड स्लैम जीत चुकी सेरेना ने CNN को दिए इंटरव्यू में ये बात कही।

दोगलेपन पर उठाए सवाल

अंपायर की चेयर पर इस तरह मारने के लिए ज्वेरेव पर फाइन लगाया गया है।
अंपायर की चेयर पर इस तरह मारने के लिए ज्वेरेव पर फाइन लगाया गया है।

ओपन ऐरा में सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम अपने नाम करने वाली सेरेना से इंटरव्यू के दौरान विश्व नंबर 3 पुरुष खिलाड़ी ज्वेरेव की हरकत पर सवाल पूछा गया था। सेरेना ने महिला और पुरुषों के बीच टेनिस जगत में होने वाले भेदभाव को उजागर करते हुए कहा कि ये दोगलापन है जो चलता रहता है। ज्वेरेव ने पिछले ही महीने मेक्सिको ओपन में पुरुष डबल्स के एक मुकाबले में हारने के बाद गलत लाइन कॉल लेने का आरोप लगाते हुए वहां बैठे चेयर अंपायर की चेयर पर टेनिस रैकेट से लगातार वार किया था। उनकी हरकत देखकर वहां मौजूद दर्शक समेत उनके खुद के पार्टनर और प्रतिद्वंदी भी हैरान थे। इस वाकये के बाद ज्वेरेव को टूर्नामेंट के सिंगल्स क्वार्टर-फाइनल से बाहर कर दिया गया और फिर उनपर 40 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।

सेरेना ने इस मामले में कहा कि अगर वो ऐसा कुछ करतीं तो जरूर उन्हें जेल में डाल दिया जाता। साल 2009 में यूएस ओपन में बेल्जियम की किम क्लाइज्टर्स के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान सेरेना ने एक लाइन जज से बहस की थी जब उन्हें फुट फॉल्ट दिया गया था। इस मुकाबले के बाद सेरेना को दो साल के प्रोबेशन पर डाल दिया गया था, यही नहीं जांच के बाद उनपर पूरे 1.75 लाख अमेरिकी डॉलर का फाइन लगा था। इसके अलावा 2011 यूएस ओपन के दौरान एक शॉट लगाने के दौरान जब सेरेना ने अपनी विरोधी खिलाड़ी को केवल Come On कहा था तो उनपर 2 हजार डॉलर का फाइन लगा था। 2018 के अमेरिकी ओपन में नेओमी ओसाका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रैकेट तोड़ने, कोच की सहायता लेने और अंपायर से बहस के मामले में उनपर फिर जुर्माना लगाया गया। इन पूरे वाकयों के बाद सेरेना कई मौकों पर टेनिस कोर्ट पर महिला खिलाड़ियों की हरकतों पर लिए जाने वाले फैसलों और पुरुष खिलाड़ियों की हरकतों पर बरती जाने वाली नरमी पर सवाल उठा चुकी हैं।

'आज 30 से 32 ग्रैंड स्लैम होते'

सेरेना ने इंटरव्यू में कहा कि जब ऐसे वाकये (ज्वेरेव का प्रकरण) देखने को मिलते हैं तो वो बस ये सोचती हैं कि अगर ये हरकत सेरेना ने की होती तो टेनिस संघ उनके साथ क्या करता। सेरेना की मानें तो इतने सारे वाकये न होते तो शायद हालात कुछ और होते और वो 23 नहीं बल्कि आज तक 30 से 32 सिंगल्स खिताब अपने नाम कर चुकी होतीं।

हालांकि सेरेना ने ये भी कहा कि इन सभी के बावजूद वो जिस मुकाम पर हैं उससे खुश हैं। सेरेना ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम 2017 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में जीता था। वो 2018 और 2019, दोनों साल विम्बल्डन और यूएस ओपन के फाइनल में हार गईं थी। फैंस को बेसब्री से सेरेना की कोर्ट पर वापसी का इंतजार है।