भारत की सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना मियामी ओपन में अपने-अपने डबल्स मुकाबले हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। सानिया जहां महिला डबल्स के क्वार्टर-फाइनल में जोड़ीदार कर्स्टन फ्लिपकेंस के साथ हारीं, तो वहीं बोपन्ना पुरुष डबल्स के क्वार्टर-फाइनल में जोड़ीदार डेनिस शापोवालोव के साथ मैच हारे। इसी के साथ इस टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई है।
सानिया मिर्जा और कर्स्टन की जोड़ी को रूस की एकतरिना एलेग्जेंद्रोवा और चीन की यांग झाओझुआन की जोड़ी ने 6-3, 7-6 से मात दी। दोनों जोड़ियों ने एक-दूसरे को काफी अच्छी टक्कर दी और सानिया-कर्स्टन ने काफी अच्छा प्रदर्शन भी किया लेकिन रूसी-चीनी जोड़ी ने उनके 57 के मुकाबले 68 अंक कमाए।
डबल्स में पूर्व विश्व नंबर 1 सानिया मिर्जा आखिरी बार मियामी ओपन में साल 2017 में खेलीं थी जहां वो फाइनल में पहुंची थीं और उससे पहले साल 2015 में स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर उन्होंने यहां खिताब भी जीता था। सानिया मिर्जा का संभवत: यह आखिरी मियामी ओपन था क्योंकि सानिया ने इसी साल जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान ऐलान किया था कि वह इस सीजन प्रोफेशनल टेनिस से संन्यास ले लेंगी।
पुरुष डबल्स में भारत के रोहन बोपन्ना और कनाडा के डेनिस शापोवालोव कोछठी वरीयता प्राप्त ब्रिटेन के नील स्कूपसी और नीदरलैंड के वेसली कूलहॉफ की जोड़ी ने 6-2, 6-1 से हराया। बोपन्ना-शापोवालोव मैच में ज्यादा दम नहीं दिखा पाए और क्वार्टर-फाइनल के स्तर से ही बाहर हो गए। वहीं उनकी प्रतिद्वंदी जोड़ी ने दोनों सेटों में अपना दबदबा बनाए रखा। नील-वेसली की जोड़ी ने 32 सर्विस प्वाइंट बटोरे और 4 ब्रेक प्वाइंट भी उनके नाम रहे। बोपन्ना-शापोवालोव ने टूर्नामेंट के पहले दौर में टॉप वरीयता प्राप्त जोड़ी को मात दी थी।
पुरुष डबल्स में आखिरी बार भारत के लिएंडर पेस साल 2012 में अपने जोड़ीदार के साथ खिताब जीतने में कामयाब रहे थे। पेस ने लगातार तीन साल 2010, 2011, 2012 में डबल्स टाइटल जीता जिसमें से साल 2011 में उनके जोड़ीदार भारत के ही महेश भूपति थे।