भारतीय टेनिस इतिहास में सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में सानिया मिर्जा की गिनती टॉप पर होती है। देश में इस खेल को विशेष पहचान महेश भूपति और लिएंडर पेस ने दिलवाई तो सानिया मिर्जा ने क्रिकेट के दीवाने भारत में टेनिस को लेकर युवाओं में खास जोश भरा।
36 साल की सानिया ने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के रूप में अपने करियर का आखिरी ग्रैंड स्लैम खेला और यहां भी मिक्स्ड डबल्स के फाइनल तक पहुंची। साल 2005 में ग्रैंड स्लैम में पहली बार खेलने वाली सानिया ने चारों मेजर टूर्नामेंट में कुछ न कुछ अलग किया है -
1) ऑस्ट्रेलियन ओपन
साल 2005 में सानिया को पहली बार ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेलने का मौका मिला था। उन्हें बतौर वाइल्ड कार्ड टूर्नामेंट में एंट्री मिली थी। पहले दौर में उन्होंने दूसरी वाइल्ड कार्ड धारक ऑस्ट्रेलिया की सिंडी वॉटसन को मात दी। दूसरे दौर में हंगरी की पेत्रा मेंडुला पर आसान जीत के साथ वह तीसरे दौर में पहुंची। यहां उनका सामना सेरेना विलियम्स से हुआ।
यह मैच सानिया हारीं जरूर लेकिन मैच के दूसरे सेट में उन्होंने सेरेना को अच्छी चुनौती दी। सानिया साल 2008 में भी तीसरे दौर से बाहर हुईं। सानिया आखिरी बार सिंगल्स में 2012 में खेली थीं। डबल्स में यह ग्रैंड स्लैम उनके लिए काफी अच्छा रहा। साल 2009 में महेश भूपति के साथ मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता और 4 बार उपविजेता रहीं। वहीं 2016 में मार्टिना हिंगिस के साथ उन्होंने महिला डबल्स का खिताब जीता
2) फ्रेंच ओपन
2005 में फ्रेंच ओपन के पहले दौर में सानिया को खेलने का मौका मिला। वह कभी भी सिंगल्स में दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ीं और साल 2011 में आखिरी बार सिंगल्स मैच खेला। साल 2012 में उन्होंने मिक्स्ड डबल्स का खिताब यहां जीता जबकि 2016 में उपविजेता रहीं। महिला डबल्स में सानिया कभी भी फ्रेंच ओपन नहीं जीत पाईं हालांकि साल 2011 में वह यहां उपविजेता रह चुकी हैं।
3) विम्बल्डन
विम्बल्डन में भी सानिया का सिंगल्स डेब्यू साल 2005 में ही हुआ। इस टूर्नामेंट में एकल स्पर्धा में वह कभी भी दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ीं। 2005 में ही डबल्स में भी सानिया ने विम्बल्डन खेलना शुरु किया। साल 2015 में सानिया ने विम्बल्डन का महिला डबल्स खिताब अपने नाम किया।
इसके साथ ही उन्होंने डबल्स (मिक्स्ड और महिला मिलाकर) में करियर स्लैम यानी चारों ग्रैंड स्लैम हासिल करने का कारनामा भी किया। खास बात ये है कि सानिया ने साल 2003 में 16 साल की उम्र में विम्बल्डन का बालिका डबल्स खिताब जीतकर शुरुआती ख्याती पाई थी।
4) यूएस ओपन
सानिया के लिए यह ग्रैंड स्लैम सिंगल्स के लिहाज से सबसे सफल रहा है। साल 2005 में वह चौथे दौर तक पहुंची और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। हालांकि तब चौथे दौर में उन्हें मारिया शारापोवा ने मात दी। डबल्स में सानिया ने दोनों खिताब जीते हैं। साल 2014 में सानिया ने मिक्स्ड डबल्स में यूएस ओपन जीता लेकिन उसके अलावा किसी भी साल क्वार्टर-फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं। 2015 में सानिया ने यूएस ओपन का महिला डबल्स खिताब जीतने में कामयाबी हासिल की जबकि साल 2013, 2014, 2017 में सेमीफाइनल तक पहुंची।
सानिया मिर्जा फरवरी में होने वाली दुबई ड्यूटी फ्री चैंपियनशिप के जरिए अपने करियर को विराम देंगी।