भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने कहा कि इस साल टोक्यो में उनके चौथे ओलंपिक्स में मेडल जीतने के सपने ने उन्हें एक साल के लंबे अंतराल के बाद डब्ल्यूटीए सर्किट में वापसी के लिए प्रोत्साहित किया। सानिया मिर्जा ने स्लोवेनिया की आंद्रेजा क्लेपाक के साथ बुधवार को कतर ओपन में महिला डब्ल्स में सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सानिया मिर्जा ने आखिरी बार फरवरी 2020 में टूर्नामेंट खेला था, और तब उन्होंने इसी दोहा इवेंट में हिस्सा लिया था।
34 साल की सानिया मिर्जा जनवरी में कोविड-19 से ठीक हुई हैं और वो चाहती हैं कि 2016 में ओलंपिक ब्रॉन्म मेडल मैच की हार का बदला लें। बता दें कि सानिया मिर्जा और उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना को मिक्स्ड डबल्स में 6-1,7-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। छह बार की ग्रैंड स्लैम डबल्स चैंपियन सानिया मिर्जा ने कहा, 'मेरी वापसी के पीछे टोक्यो ओलंपिक्स निश्चित ही एक कारण है। हम पिछले ओलंपिक्स में मेडल जीतने के काफी करीब पहुंच गए थे, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार गए थे।'
सानिया मिर्जा का लक्ष्य ओलंपिक मेडल जीतना
सायिा मिर्जा ने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि जब मेरी जिंदगी के इस अध्याय का अंत हो, तो ओलंपिक मेडल वो चीज है, जिसे मैं जीतना पसंद करूंगी। इसलिए मैंने अपने आप को एक और मौका दिया है। मैं चाहे खेल सकूं या तब तक क्षमता रहे? यह तो समय ही बताएगा। मगर ओलंपिक मेरे लिए महत्वपूर्ण है और मेरी वापसी के पीछे यह सबसे बड़ा प्रोत्साहन है।'
सानिया मिर्जा अक्टूबर 2018 में मां बनी थीं। उन्होंने साथ ही कहा कि वह महिलाओं को सपने के पीछे भागने के लिए प्रेरणा देना चाहती हैं। सानिया मिर्जा ने कहा, 'महिलाएं सोचती हैं कि बेबी हो गया, तो जिंदगी खत्म हो गई। मगर ऐसा नहीं है। आप अपने सपने नहीं तोड़ सकते क्योंकि आपका बच्चा है। आप उनके बाद भी अपना काम जारी रख सकते हैं।'