विम्बल्डन आयोजकों ने हटाई रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर लगी पाबंदी, इस साल प्रतियोगिता में ले पाएंगे भाग

विम्बल्डन आयोजकों ने पिछले साल रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों की एंट्री पर बैन लगाया था।
विम्बल्डन आयोजकों ने पिछले साल रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों की एंट्री पर बैन लगाया था।

साल के तीसरे और सबसे प्रतिष्ठित टेनिस ग्रैंड स्लैम विम्बल्डन का आयोजन करने वाले ऑल इंग्लैंड टेनिस क्लब ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के कारण रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को विम्बल्डन में खेलने की इजाजत नहीं दी गई थी। अब विम्बल्डन आयोजकों ने इस फैसले में बदलाव कर इन खिलाड़ियों को इस साल खेलने की अनुमति शर्तों के साथ देने का ऐलान किया है।

ऑल इंग्लैंड क्लब की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक क्लब इन दो देशों के खिलाड़ियों के नामों की एंट्री इस साल लेगा। रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को बतौर तटस्थ यानी Neutral खिलाड़ी के रूप में भाग लेना होगा। इसका मतलब यह कि यह खिलाड़ी अपने देश के ध्वज का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। आयोजकों ने यह भी कहा है कि यदि खिलाड़ियों को रूस या बेलारूस की ओर से किसी प्रकार की स्पॉन्सरशिप अथवा धनराशि या सहायता राशि विम्बल्डन में एंट्री के लिए मिलेगी तो भी वह भाग नहीं ले पाएंगे।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साल रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो उसके बाद खेल जगत में अलग-अलग खेलों के महासंघों ने रूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया। बेलारूस की सरकार ने रूस का समर्थन किया था जिस कारण उनपर भी खेल जगत में बैन लगा। टेनिस में अलग-अलग गवर्निंग बॉडी हैं, जिनमें ATP, WTA आदि ने ऐलान किया था कि रूसी और बेलारूसी खिलाड़ी प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन पाएंगे लेकिन उनके राष्ट्रध्वज का प्रयोग नहीं होगा। हालांकि डेविस कप और बिली जीन कप जैसे टीम इवेंट से इन दोनों देशों को बैन कर दिया गया।

पिछले साल विम्बल्डन ने फैसला लिया कि वह रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को खेलने की इजाजत नहीं देंगे जबकि अन्य तीन ग्रैंड स्लैम - ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, यूएस ओपन ने ऐसा नियम नहीं रखा था। यह कारण है कि पिछले साल विम्बल्डन की लोकप्रियता में गिरावट जरूर आई। विम्बल्डन आयोजकों ने इस बार इस कारण का भी जिक्र किया है। हालांकि आयोजकों ने साफ किया है कि वह रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले की निंदा करते हैं। साथ ही आयोजकों ने साफ किया है कि इस साल जून में जब प्रतियोगिता आयोजित होगी, उस समय तक जो भी स्थिति रहती है, उसका असर इस फैसले पर पड़ सकता है।