इंडियन वेल्स - कड़े मुकाबले में जीत से बाद अगले दौर में जोड़ीदार के साथ पहुंची सानिया

सानिया 4 बार टूर्नामेंट के डबल्स फाइनल में पहुंच चुकी हैं और 2 बार खिताब भी जीत चुकी हैें।
सानिया 4 बार टूर्नामेंट के डबल्स फाइनल में पहुंच चुकी हैं और 2 बार खिताब भी जीत चुकी हैें।

भारत की सानिया मिर्जा अपनी जोड़ीदार बेल्जियम की कर्सटन फ्लिपकेन्स के साथ इंडियन वेल्स/ बीएनपी परिबास ओपन के महिला डबल्स के अगले दौर में पहुंच गई हैं। सानिया-कर्सटन की जोड़ी ने टूर्नामेंट के पहले दौर में जापान की शुको आयोमा और सर्बिया की एलेग्जांड्रा क्रूनिच की जोड़ी को 6-3, 3-6, 10-7 से हराते हुए प्री-क्वार्टरफाइनल में स्थान पक्का किया।

सानिया मिर्जा डबल्स की WTA रैंकिंग में 49वें स्थान पर काबिज हैं जबकि उनकी जोड़ीदार कर्सटन 122वें नंबर पर। ऐसे में चौथी डबल्स रैंकिग वाली आयोमा और 44वीं रैंकिगं वाली क्रूनिच का पलड़ा भारी लग रहा था, लेकिन पूर्व विश्व नंबर 1 डबल्स खिलाड़ी सानिया ने अपनी पार्टनर के साथ कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। अमेरिका के कैलिफोर्निया में खेले जा रहे टूर्नामेंट के पहले सेट में 6-3 से आसानी से जीत हासिल करने के बाद सानिया-कर्सटन को अगले सेट में 3-6 से हार का सामना करना पड़ा। दोनों जोड़ियों ने एक दूसरे को बराबरी की टक्कर देने की कोशिश की और 3-3 ब्रेक प्वाइंट बचाए। निर्णायक सेट में 10-7 से जीत हासिल कर सानिया-कर्सटन अंतिम 16 में जगह पक्की की।

दो बार की चैंपियन हैं सानिया

टेनिस की इस मास्टर्स प्रतियोगिता में सानिया 4 बार महिला डबल्स के फाइनल में पहुंची हैं और दो बार विजेता बनी हैं। सानिया ने पहला खिताब साल 2011 में रूस की एलेना वेस्नीना के साथ जीता था। इसके बाद अगले साल वो और वेस्नीना फिर सेमिफाइनल में पहुंचे , लेकिन उन्हें अमेरिका की लीजर ह्यूबर-लीजा रेमंड की जोड़ी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2014 में जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ मिलकर सानिया फाइनल में पहुंची लेकिन यहां हार गईं।अगले साल यानि 2015 में सानिया एक बार फिर खिताबी मुकाबले में जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस के साथ पहुंची और जीत भी दर्ज की। सानिया सबसे ज्यादा बार इस खिताब को जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं। उनके अलावा पुरुष डबल्स में लिएंडर पेस सिर्फ 1 बार ट्रॉफी अपने नाम कर पाए थे।

इसी साल ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान सानिया ने ऐलान किया था कि ये उनका आखिरी सीजन होगा और शारीरिक रूप से वो जितना खेल पाएंगी उतने टूर्नामेंट में खेलेंगी। ऐसे में दो बार इस टूर्नामेंट को पूर्व में जीत चुकीं सानिया एक बार और इस खिताब को अपने नाम करते हुए सीजन और अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेशनल करियर खत्म करना चाहेंगी।

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