टेनिस खिलाड़ी जो बिना ग्रैंड स्लैम जीते बने विश्व नंबर 1

मार्सेलो रियोस इकलौते पुरुष खिलाड़ी हैं जो पूरे करियर में को ग्रैंड स्लैम जीते बिना नंबर 1 बने।
मार्सेलो रियोस इकलौते पुरुष खिलाड़ी हैं जो पूरे करियर में को ग्रैंड स्लैम जीते बिना नंबर 1 बने।

टेनिस की दुनिया में पिछले 2 महीनों से विश्व नंबर 1 रैंकिंग की लड़ाई चल रही है। सर्बिया के नोवाक जोकोविच फरवरी के आखिरी हफ्ते में अपना नंबर 1 का ताज रूस के डेनिल मेदवेदेव को खो बैठे, हालांकि उन्होंने तीन हफ्तों बाद वापस नंबर 1 बनने में सफलता पा ली। 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता जोकोविच और 1 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता मेदवेदेव के बीच नंबर 1 की लड़ाई लंबी चलने वाली है। लेकिन टेनिस इतिहास में ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जो चार में से बिना कोई ग्रैंड स्लैम जीते सर्वोच्च रैंकिंग पर पहुंचे। जानिए ऐसे ही अन्य टेनिस खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने टेनिस की दुनिया में नंबर 1 की रैंकिंग हासिल की लेकिन पूरे करियर में कोई ग्रैंड स्लैम सिंगल्स खिताब नहीं जीता।

1) मार्सेलो रियोस

चिली के मार्सेलो रियोस दुनिया के इकलौते पुरुष खिलाड़ी हैं जो विश्व नंबर 1 रहे लेकिन पूरे करियर में कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाए। रियोस साल 1998 में एटीपी रैंकिंग में विश्व नंबर 1 बने और ये मुकाम हासिल करने वाले पहले लैटिन टेनिस खिलाड़ी बने। रियोस अपने करियर में सिर्फ 1 ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंचे। साल 1998 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के खिताबी मुकाबले में रियोस को हार का सामना करना पड़ा। फ्रेंच ओपन में वो दो बार क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे जबकि यूएस ओपन में एक बार अंतिम 8 में पहुंचे। विम्बलडन में रियोस चौथे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए।

2) दिनारा सफीना

रूस की दिनारा सफीना साल 2008 और 2009 में फ्रैंच ओपन, 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में पहुंची लेकिन हार गईं। अप्रैल 2009 में सफीना WTA रैंकिंग में नंबर 1 बनीं और मारिया शारापोवा के बाद नंबर 1 बनने वाली दूसरी रूसी महिला टेनिस खिलाड़ी बनीं। खास बात ये है कि सफीना के भाई मरात साफिन भी विश्व नंबर 1 रहे और टेनिस इतिहास में विश्व नंबर 1 बनने वाले ये इकलौती भाई-बहन की जोड़ी है। साल 2014 में सफीना ने टेनिस से रिटायरमेंट ले लिया।

3) येलेना यांकोविच

पूर्व विश्व नंबर 1 यांकोविच पूरे करियर में सिर्फ एक बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में खेल पाईँ।
पूर्व विश्व नंबर 1 यांकोविच पूरे करियर में सिर्फ एक बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में खेल पाईँ।

सर्बिया की यांकोविच ने प्रोफेशनल टेनिस 16 साल की उम्र से खेलनी शुरु कर दी थी। 2000 से 2017 तक करीब 17 सालों तक यांकोविच प्रोफेशनल कोर्ट पर दिखाई दी। यांकोविच साल 2008 में विश्व नंबर 1 महिला टेनिस खिलाड़ी बनीं लेकिन अपने पूरे करियर में कोई भी ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाईं। यांकोविच साल 2008 में यूएस ओपन फाइनल में पहुंची जो उनके करियार का इकलौता ग्रैंड स्लैम फाइनल था।

4) कैरोलीना प्लिसकोवा

चेक रिपब्लिक की प्लिसकोवा ने WTA टूर में कुल 16 सिंगल्स टाइटल जीते। प्लिसकोवा साल 2017 में विश्व नंबर 1 महिला टेनिस खिलाड़ी बनीं और ये मुकाम हासिल करने वाली पहली चेक रिपब्लिकन खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। प्लिसकोवा 2016 में यूएसओपन की उपविजेता बनीं, जबकि साल 2021 में विम्बल्डन के फाइनल में हारीं। ऑस्ट्रेलियन ओपन और फ्रैंच ओपन में प्लिसकोवा सेमिफाइनल से आगे नहीं बढ़ी हैं। प्लिसकोवा फिलहाल टेनिस खेल रही हैं और अपने पहले ग्रैंड स्लैम की तलाश में हैं। कैरोलीना की जुड़वा बहन क्रिस्टीन भी प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी हैं।

इन खिलाड़ियों के अलावा कई टेनिस खिलाड़ी रहे हैं जिनके पास विश्व नंबर 1 टेनिस रैंकिंग हासिल करते समय कोई ग्रैंड स्लैम खिताब नहीं था, लेकिन आगे चलकर उन्होंने ग्रैंड स्लैम जीतने में कामयाबी हासिल की। बेल्जियम की किम क्लाइजटर्स साल 2003 में नंबर 1 बनीं लेकिन 2005 में यूएस ओपन के रूप में पहला ग्रैंड स्लैम जीता। सिमोना हालेप 2017 में नंबर 1 बनीं और 7 महीने बाद 2018 में फ्रैंच ओपन जीता। कैरोलीन वोज्नियाकी 2010 में WTA नंबर 1 बन गईं थी लेकिन उन्होंने करियर का पहला और इकलौता ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में साल 2018 में जीता। पुरुष टेनिस में चेक रिपब्लिक के ईवान लिंडेल साल 1983 में विश्व नंबर 1 बने और इसके एक साल बाद फ्रैंक ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता।