चेक रिपब्लिक की टेनिस खिलाड़ी मारकेता वोंद्रुसोवा ने विम्बल्डन महिला सिंगल्स का खिताब जीत लिया है। गैर वरीयता प्राप्त वोंद्रुसोवा ने फाइनल में छठी सीड ट्यूनिशिया की ओंस जेबूर को 6-4, 6-4 से हराया और करियर का पहला सिंगल्स ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। वह ओपन ऐरा में इस ट्रॉफी को जीतने वाली पहली गैर वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी हैं।
वोंद्रुसोवा इस खिताब को जीतने वाली तीसरी चेक रिपब्लिकन महिला खिलाड़ी भी हैं। उनसे पहले मार्टिना नवरातिलोवा ने 9 बार विम्बल्डन जीता है जबकि पेत्रा क्वितोवा दो बार यहां चैंपियन बन चुकी हैं। खास बात यह है कि पिछले साल कलाई में चोट के कारण वोंद्रुसोवा प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं बनी थीं और बतौर दर्शक विम्बल्डन के मुकाबले देख रही थीं। अब वह ग्रैंड स्लैम विजेता बन गई हैं।
24 साल की वोंद्रुसोवा की WTA रैंकिंग टूर्नामेंट शुरु होने से पहले 42 थी और सोमवार को जारी होने वाली नई रैंकिंग में इस जीत के बाद वह टॉप 10 में शुमार हो जाएंगी। वोंद्रुसोवा के करियर का यह दूसरा ग्रैंड स्लैम फाइनल था। साल 2019 में वह फ्रेंच ओपन में उपविजेता रही थीं।
फाइनल के बाद दर्शकों की नजर उपविजेता ओंस जेबूर पर भी रही जो रनर-अप ट्रॉफी मिलने के बाद बेहद भावुक हो गईं। जेबूर पिछले साल यहां एलिना रिबाकिना के हाथों फाइनल हारी थीं। यही नहीं पिछले साल ही यूएस ओपन के फाइनल में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जेबूर ने ऑन-कोर्ट इंटर्व्यू में माना कि यह उनके करियर की सबसे दर्दनाक हार है। लेकिन जेबूर ने उम्मीद जताई कि जल्द वह कोई न कोई ग्रैंड स्लैम जरूर जीतेंगी।
वोंद्रुसोवा को जीतने के रूप में 23.50 लाख पाउंड यानि करीब 25 करोड़ भारतीय रुपए की धनराशि ईनाम में मिली है। साल 2017 के बाद से ही लगातार किसी न किसी नई खिलाड़ी ने महिला सिंगल्स का खिताब विम्बल्डन में जीता है।