भारत की महिला पहलवानों ने विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए देश को 2 पदक दिलाने में कामयाबी हासिल की है। 57 किलोग्राम फ्रीस्टाईल कुश्ती के भार वर्ग के फाइनल में अंशु मलिक को हार के बाद सिल्वर मेडल मिला, तो 59 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक के लिए हुए मैच में सरिता मोर ने मुकाबले में पूरी ताकत झोंकते हुए अपनी प्रतिद्वंदी को करारी शिकस्त देकर मेडल हासिल किया। अंशु मलिक विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
दो बार की ओलंपिक चैंपियन से मिली हार
20 साल की अंशु के लिए 57 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल आसान नहीं होने वाला था, ये बात सभी को पता थी क्योंकि उनकी प्रतिद्वंदी अमेरिका की हेलेन मरोलिस 2 बार की ओलंपिक पदक विजेता थीं। हेलेन ने 2016 रियो ओलंपिक में 53 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता था, जबकि 2020 टोक्यो ओलंपिक में 57 किलोग्राम कैटेगरी में खेलते हुए कांस्य पदक जीता।
एक चैंपियन दावेदार के खिलाफ खेल रही अंशु ने पूरे मुकाबले में एड़ी-चोटी का जोर लगाया और हेलेन को अच्छी टक्कर दी। पहले राउंड में अंशु ने 1-0 की बढ़त ले ली थी, लेकिन हेलेन ने अपने अनुभव का परिचय देते हुए दूसरे राउंड में अंशु को संभलने का मौका नहीं दिया। हेलेन ने आखिरकार मुकाबला Victory By Fall (VFA) से 4-1 से अपने नाम किया। दूसरे राउंड में हेलेन की ग्रिप के कारण अंशु के कंधे पर भी चोट आई जिस कारण उन्हें मेडिकल अटेंशन भी देना पड़ा।
सरिता की धमक
सरिता मोर ने 59 किलोग्राम भार वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में स्वीडन की पहलवान लिंडबोर्ग को 8-2 के बड़े अंतर से मात दी। पूरे मुकाबले में सरिता ने अपनी धमक दिखाई। एक समय सरिता 6-0 से लीड कर रहीं थी और लग रहा था कि टेक्निकल सुपियिरयोरिटी के जरिए जीत हासिल कर लेंगी। 26 साल की सरिता ने इसी साल हुई एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। सरिता से पहले गीता फोगाट, बबीता फोगाट, पूजा ढांडा और विनेश फोगाट विश्व चैंपियनशिप में बतौर महिला पहलवान देश के लिए कांस्य पदक जीत चुकी हैं।