केंद्र सरकार ने चैंपियन रेसलर विनेश फोगाट और उनके निजी कोच वोलर अकोस, साथी प्रियंका फोगाट और फिजियोथेरेपिस्ट पूर्णिमा रमन एनगोमदीर को हंगरी में 40 दिन के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है। विनेश फोगाट और उनकी टीम का खर्च 15 लाख 51 हजार रुपए आएगा।
सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के अंतर्गत कैंप को मंजूरी दी गई है। यह कैंप 28 दिसंबर से 24 जनवरी तक हंगरी के बुडापेस्ट में वसास स्पोर्ट्स क्लब में आयोजित होगा। फिर 24 जनवरी से 5 फरवरी तक पौलेंड में सिजरिक के ओलंपिक ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित होगा। कुल लागत में हवाई जहाज का खर्च, स्थानीय परिवहन, बोर्डिंग और लॉजिंग चार्ज और जेब के बाहर का भत्ता शामिल है।
विनेश फोगाट टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं और टोक्यो गेम्स में मेडल की आशा हैं। ट्रेनिंग कैंप की योजना विनेश फोगाट के निजी कोच अकोस ने तैयार की। इससे विनेश फोगाट को कई अपने वजन वर्ग में कई यूरोपीय रेसलर्स से प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। इससे विनेश फोगाट के तकनीकी और रणनीतिक पहलु में सुधार होगा।
विनेश फोगाट के लिए फायदेमंद है यह कैंप
विनेश फोगाट का ध्यान विदेशी ट्रेनिंग कैंप में लगा हुआ है। विनेश फोगाट ने कहा, 'एक रेसलर के रूप में मुझे अपना स्तर जानना है और अच्छे रेसलर्स के साथ ट्रेनिंग करना मेरे लिए फायदेमंद होगा कि मैं समझ पाउंगी कि कहां खड़ी हूं। मेरा स्तर क्या है। यह कैंप मेरे लिए मददगार साबित होगा।'
विनेश फोगाट ने महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक्स के लिए जगह पक्की कर ली है। 2019 विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर विनेश फोगाट ने जगह पक्की की थी। वह महिला रेसलरों के लिए नेशनल कैंप का हिस्सा थीं, जो अक्टूबर 2020 में लखनऊ में लगा। विनेश फोगाट ने आखिरी बार फरवरी में एशियाई सीनियर चैंपियनशिप्स में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
पता हो कि विनेश फोगाट ने हाल ही में बेलग्रेड में संपन्न विश्व कप में हिस्सा नहीं लिया था। विनेश फोगाट के अलावा पुरुषों में बजरंग पूनिया व संदीप कुमार ने भी अपना नाम वापस लिया था। विनेश फोगाट ने हिस्सा नहीं लेने के बारे में दलील दी थी कि उनके वजन वर्ग वाली शीर्ष एथलीट्स इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले रही हैं।
विनेश फोगाट एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियाई गेम्स के बीच गोल्ड मेडल जीते। 26 साल की हरियाणा की पहलवान अगस्त में कोरोना वायरस की चपेट में आई थी, लेकिन वह इससे उबर चुकी हैं।