टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत को कुश्ती में सिल्वर मेडल दिलाने वाले पहलवान रवि दाहिया एशियन गेम्स में भारतीय दल का हिस्सा नहीं होंगे। रवि को एशियन गेम्स के लिए हुए ट्रायल की 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में आतिश टोडकर ने हराकर फाइनल से पहले ही बाहर कर दिया। रवि दाहिया को इस भार वर्ग में जीत का दावेदार माना जा रहा था लेकिन 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट रहे रवि को आतिश ने 20-8 के बड़े अंतर से मात दी।
नई दिल्ली में रविवार को हुए ट्रायल्स के दौरान पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में कॉन्टिनेंटल चैंपियन अमन सहरावत और रवि दाहिया को फाइनल बाउट खेलने का दावेदार माना जा रहा था लेकिन रवि फाइनल तक पहुंच ही नहीं पाए और शुरुआती बाउट के दौरान ही आतिश ने अपने करियर की बेहद बड़ी जीत दर्ज की। खास बात यह है कि एक समय आतिश बाउट में 4-6 से पीछे थे लेकिन इसके बाद इस पहलवान ने जोरदार वापसी कर रवि दाहिया को मात दी। हालांकि इसके बाद आतिश को सेमिफाइनल में अमन सहरावत ने हराया जो आखिरकार इस वेट कैटेगरी में जीतने में कामयाब रहे।
65 किलोग्राम भार वर्ग में विशाल कालीरमन विजेता बने लेकिन वह एशियाड में बतौर स्टैंडबाई जाएंगे क्योंकि इस वर्ग में बजरंग पुनिया को पहले ही ट्रायल में छूट देकर चुन लिया गया है। 74 किलोग्राम भार वर्ग में यश तुशीर, 86 किलोग्राम भार वर्ग में दीपक पुनिया, 97 किलोग्राम वर्ग में विक्की चहर और 125 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सुमित मलिक विजयी रहे। एशियन गेम्स का आयोजन इसी साल 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन के हांगझाओ में होगा।
नियमों पर उठे सवाल
कुछ दिन पहले ही WFI यानि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के काम को देखने के लिए बनाई गई विशेष समिति ने टोक्यो ओंलपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट पहलवान बजरंग पुनिया और विश्व चैंपियनशिप मेडल्सिट महिला पहलवान विनेश फोगाट को ट्रायल में छूट देकर सीधे एशियाड का टिकट दिया था। ऐसे में रवि के ट्रायल में बाहर होने के बा कई पहलवान सवाल उठा रहे हैं कि रवि को भी बजरंग की तरह छूट क्यों नहीं दी गई।
साथ ही कई जानकार यह भी पूछ रहे हैं कि अगर रवि को ट्रायल में मात मिल सकती है तो बजरंग पुनिया भी ट्रायल में हार सकते थे। ऐसे में बजरंग की सीधी एंट्री पर कई खेमों में नाराजगी है। खुद लंदन ओलंपिक 2012 में कुश्ती का ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके योगेश्वर दत्त सोशल मीडिया पर इस संबंध में नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।