भारत के लिए रियो ओलंपिक्स के आख़िरी दिन सभी को उम्मीद थी कि योगेश्वर दत्त कुश्ती के 65 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के साथ भारत को रियो ओलंपिक्स से विदाई दिलाएंगे। लेकिन योगेश्वर दत्त को अपने पहले ही मुक़ाबले में मंगोलिया के पहलवान मनदाखनरन गानज़ोरिग से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि योगेश्वर दत्त के पास भारत के लिए पदक दिलाने का मौक़ा उसके बाद भी था, वह स्वर्ण पदक अब हासिल भले न कर पाते लेकिन जैसे साक्षी मलिक ने रेपचेज़ राउंड के ज़रिए कांस्य पदक जीता था। वैसे ही योगेश्वर दत्त पदक दिला सकते थे। इसके लिए योगेश्वर और पूरे भारतवासियों की नज़र मंगोलिया के पहलवान मनदाखनरन गानज़ोरिग पर थी, अगर वह अपने सारे मुक़ाबले जीतते हुए फ़ाइनल में पहुंच जाते, तो योगेश्वर को एक और मौक़ा मिल सकता था। 65 किग्रा वर्ग के इस मैच में योगेश्वर की शुरुआत अच्छी नहीं रही, भारतीय पहलवान ने पहले राउंड में ही एक अंक पेनल्टी के तौर पर खो दिया। मंगोलिया के पहलवान योगेश्वर को कोई भी मौक़ा नहीं दे रहे थे। दूसरे राउंड में भी योगेश्वर ने कोशिशें काफ़ी की, लेकिन मंगोलिया के मनदाखनरन पर पकड़ बनाने में क़ामयाब नहीं हो पाए। योगेश्वर को उनके मशहूर दांव फ़ितले आज़माने का कोई भी मौक़ा मंगोलियन पहलवान नहीं दे रहे थे। मंगोलिया के पहलवान ने योगेश्वर पर दबाव बनाते हुए दो अंक और हासिल कर लिए, योगेश्वर अब 0-3 से पीछे हो गए थे। आख़िरी कुछ सेकंड्स में भारत के इस पहलवान ने अपनी बाउट में प्रयास में तो काफ़ी किया, लेकिन मंगोलिया के पहलवान उन्हें पकड़ बनाने का मौक़ा नहीं दे रहे थे। मैच रेफ़री ने जब बाउट ख़त्म करने का इशारा किया तो योगेश्वर 0-3 से पीछे थे, और इस तरह मंगोलिया के पहलवान की जीत हो गई। भारत के लिए स्वर्ण पदक की उम्मीद इसी के साथ ख़त्म हो गई है, अब अगर योगेश्वर को हराने वाले मनदाखनरन फ़ाइनल में पहुंच जाएं, तो रेपेचेज़ राउंड के ज़रिए उन्हें पदक के लिए मौक़ा मिल सकता है। मंगोलिया के पहलवान मनदाखनरन गानज़ोरिग ने अपने अगले मुक़ाबले में चीन के कताई येरलानबिकी को 3-0 से शिकस्त देकर अगले दौर में पहुंच गए थे। जिससे भारतीय पहलवान के पास रेपचेज़ राउंड के ज़रिए एक मौक़ा बन सकता था, लेकिनअगले मुक़ाबले में मंगोलिया के पहलवान मनदाखनरन गानज़ोरिग का सामना रूस के सोसलन रोमोनोव से हुआ और वहां उन्हें 0-6 से शिकस्त हासिल हुई, इसी के साथ भारत की आख़िरी उम्मीद भी ख़त्म हो गई।