सुल्तान रिव्यू: रेसलिंग एक खेल नहीं बल्कि आपकी खुद के साथ की लड़ाई है

ईद के मौके पर एक बार फिर से सलमान खान अपने फैन्स के लिए एक जबरदस्त फिल्म लेकर आये हैं, लेकिन फिल्म की एक और खासियत ये है कि अगले महीने होने वाले रिओ ओलंपिक्स से पहले ये फिल्म देश में रेसलिंग को बढ़ावा देने का काम भी करेगी। फिल्म की कहानी है हरियाणा के एक रेसलर सुल्तान अली खान की, जिन्होंने अपने मेहनत और लगन के दम पर भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया। हालाँकि फिल्म की कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है लेकिन जिस तरह से रेसलिंग को इसमें दिखाया गया है, उससे भारतीय रेसलरों को काफी ख़ुशी होगी। भारतीय रेसलिंग को फिल्म में काफी सकारात्मक तौर पर दिखाने की कोशिश की गई है और इसमें फिल्म के सितारों ने काफी साथ दिया है। फिल्म की कहानी शुरू होती है प्रो-टेक डाउन से, जिसकी लगातर दो साल की असफलता के बाद गोविन्द (अमित साध) इसे लोगों के सामने एक अलग तरह से पेश करने के बारे में सोचते हैं और इसमें उनके पिता (परीक्षित साहनी) उनकी मदद करते हैं और गोविन्द को हरियाणा के एक ऐसे रेसलर के बारे में बताते हैं, जो आठ साल पहले भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुके थे। यही रेसलर हैं - सुल्तान (सलमान खान)। फिल्म में निर्देशक अली अब्बास जाफर ने ये चीज़ काफी अच्छे से दिखाया है कि कैसे एक सामान्य इंसान अपनी आन पर रेसलिंग में आता है और उसके बाद उसे रोकना मुश्किल हो जाता है। सुल्तान का साथ फिल्म में काफी बखूबी से आरफा (अनुष्का शर्मा) ने दिया है जो खुद एक महिला रेसलर बनी हैं। फिल्म में सुल्तान के अलावा आरफा की भी उतनी ही मेहनत दिखती है और ऐसे में महिला रेसलर इस फिल्म से प्रेरणा ले सकती हैं। प्यार और अलगाव वाली इस कहानी में सुल्तान की ज़िन्दगी में ओलंपिक गोल्ड मेडल और वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद एक ऐसा तूफ़ान आता है जिसके कारण उन्हें रेसलिंग ही छोड़नी पड़ जाती है। हालाँकि आठ साल बाद प्रो-टेक डाउन में वो वापसी करते हैं और एमएमए (मिक्स्ड मार्शल आर्ट) में वो अपनी देशी कुश्ती के दम पर अपने से कहीं ज्यादा युवा रेसलरों को धूल चटा देते हैं। एमएमए कोच के तौर पर रणदीप हूडा ने भी काफी शानदार अभिनय किया है और सुल्तान की रिंग में वापसी करवाने में उनकी मेहनत को भी दिखाया गया है। अनुष्का शर्मा द्वारा निभाये गए आरफा के रोल के माध्यम से 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स विजेता गीता फोगट (55 किग्रा वर्ग) को भी यहाँ याद किया गया है जिन्होंने महिला रेसलिंग में पहली बार भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। सुल्तान में सलमान खान के किरदार को इस तरह से दिखाया गया है जो एक आम इन्सान से पहले स्टेट चैंपियन, फिर एशियाई चैंपियन और फिर वर्ल्ड चैंपियन बनते हैं। ओलंपिक स्वर्ण पदक का जो सपना वो देखते हैं उसे भी पूरा करते हैं। लेकिन उसके बाद ऐसा क्या होता है और किस तरह सुल्तान की खुद के साथ एक लड़ाई शुरू होती है, यही फिल्म में दिखाया गया है। भारत से इस बार के रिओ ओलंपिक में आठ रेसलर हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें पांच पुरुष और तीन महिला रेसलर शामिल हैं। उम्मीद करते हैं कि जिस तरह से फिल्म में सुल्तान ने भारत का नाम रोशन किया, उसी तरह ओलंपिक्स में भी भारतीय रेसलर इस बार पदक जीतें और देश का नाम ऊँचा करें। सलमान खान को रिओ ओलंपिक्स के लिए गुडविल एम्बेसडर बनाया गया था और इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने ये दिखाया है कि ये फैसला गलत नही था।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications