पिछले कुछ समय से निराशाजनक फ़ॉर्म से जूझ रहे दिग्गज भारतीय पहलवान सुशील कुमार (Sushil Kumar) और रियो 2016 की पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) पर आख़िरकार गाज गिर गई। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने इन दोनों ही ओलंपिक पदक विजेताओं को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया है।
साक्षी और सुशील के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता पूजा ढांढा (Pooja Dhanda) (57 और 59 किग्रा) और एशियन गेम्स की कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरन (Divya Kakran, 68 किग्रा) को भी प्रदर्शन के आधार पर अनुबंध से बाहर कर दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके रवि कुमार (Ravi Kumar), बजरंग पुनिया (Bajrang Punia), दीपक पूनिया (Deepak Punia) और विनेश फ़ोगाट (Vinesh Phogat) अभी भी A कैटेगिरी में ही शामिल हैं।
2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले ही दौर में बाहर होने के बाद से 37 वर्षीय सुशील कुमार ने फिर किसी भी प्रतिस्पर्धा में शिरकत नहीं की थी। तो वहीं साक्षी मलिक के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी जा रही थी और जो एक ओलंपिक पदक विजेता का रुतबा होता है, वह उसके आस-पास भी नहीं थीं।
साक्षी मलिक का प्रदर्शन जहां गिरता जा रहा है तो 62 किग्रा भारवर्ग में सोनम मलिक (Sonam Malik) लगातार प्रभावित कर रहीं हैं। जिसके बाद इंडिविजुअल वर्ल्ड कप की रजत पदक विजेता सोनम और अंशु मलिक (Anshu Malik) को A कैटेगिरी में प्रमोट किया गया है।
2018 में लागू किए केंद्रीय अनुबंध में क़रीब 150 पहलवान हैं, जिन्हें 9 कैटेगिरी में बांटा गया है। इसमें A कैटेगिरी में शामिल पहलवानों को 30 लाख रुपये सालाना मिलते हैं, जबकि B कैटेगिरी के पहलवानों को 20 लाख और C कैटेगिरी के पहलवानों को 10 लाख रुपये सालाना राशि दी जाती है। जबकि इस कैटेगिरी में सबसे निचले क्रम वाले रेसलरों को 30 हज़ार सालाना दिए जाते हैं।
इन फ़ैसलों पर भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर (Vinod Tomar) ने IANS को बताया, “पहलवानों को आर्थिक सहायता इसलिए की जाती है कि वह इससे अपने करियर को और निखार सकें और वैश्विक स्तर पर उनका प्रदर्शन ज़्यादा बेहतर हो। अगर कोई खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं करता है तो फिर उन्हें आर्थिक सहायता देने का कोई मतलब नहीं।“
सुशील कुमार ने भारत के लिए दो बार ओलंपिक में पदक हासिल किया है और ऐसा करने वाले वह एकमात्र भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया था। और फिर लंदन 2012 में उन्होंने रजत पदक पर कब्ज़ा जमाया था।
जबकि 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक भारत की पहली और एकमात्र महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है।