2015 में एक रेसलर होना कोई आसान बात नहीं है। कुछ लोग रेसलर्स को एलियन की तरह देखते हैं। लेकिन यह WWE स्टार्स के लिए सबसे बुरी बात नहीं है। हाँ, इस बात में सच्चाई है की रेस्लिंग अब उतना फेमस नहीं है जितना वो 2000 के दशक में हुआ करती थी। पर यहाँ लोगों की दिलचस्पी अभी भी बनी हुई है। कभी-कभी रेस्लिंग को पसंद ना करने वाले लोग इन सब बातों को ध्यान में ना रखकर अजीब-अजीब सी बातें करते हैं। ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो एक रेस्लिंग फैन को सुननी पड़ती हैं। हम आपके लिए लाएँ हैं ऐसी ही कुछ बातें जो एक रेस्लिंग फैन को कभी न कभी सुननी पड़ती है।
#10 ये खून है या सॉस?
अगर आपको नहीं पता हो तो आपको हम बताना चाहेंगे की जो लाल चीज़ रेसलर्स के शरीर से बहती है, वो खून ही होता है। रेस्लिंग में खून का इस्तेमाल इसलिए होता है, ताकि रेस्लिंग और भी असली लगे। वो अपनी कलाई की पट्टी में ब्लेड लाते हैं और उससे खुदको थोड़ा सा काट लेते हैं ताकि उनके शरीर पर थोड़ा खून आ सके। ये कई लोगों को अजीब लग सकता है, पर फिल्मों की तरह रेसलर्स के पास मेकअप करने का टाइम नहीं होता है। और इसलिए उनके खून को सॉस कहना उनकी कला की बेइज़्ज़ती करने के समान है।
#9 यहाँ सब ड्रग्स लेते हैं
हाँ, रेसलर्स एस्ट्रोइड्स का काफी प्रयोग करते हैं पर 'यहाँ सभी ड्रग्स लेते हैं' वाली बात काफी मूर्खतापूर्ण है। पहले स्टार्स अच्छी बॉडी के लिए एस्ट्रोइड्स लिया करते थे। लेकिन आजकल के स्टार्स अब काफी समझदार और फ़ैमिली वाले हैं। उनमें से तो कोई सिगरेट और एल्कोहल भी नहीं पीता है। इन सब से अलग WWE ने अपने यहाँ ड्रग्स निरोधक सिस्टम भी बनाया है। यदि यहाँ कोई भी ड्रग्स लेता है तो उसे सस्पेंड कर दिया जाता है।
#8 रेसलर्स को बस पैसा और फेम चाहिए
यहाँ जॉन सीना और ट्रिपल एच जैसे रेसलर भी हैं। और यहाँ कोफी किंग्स्टन जैसे रेसलर्स भी हैं। सभी बड़े स्टार्स के पास पैसा, महंगी कारें, और अच्छी डील होती है। लेकिन वो तभी होता है जब आप WWE में कोई बड़ा मक़ाम हासिल करते हैं। यहाँ पहुँचने से पहले ये रेसलर्स किन-किन परिस्थितियों से गुजरते हैं इसका अंदाजा हम कभी भी नहीं लगा सकते हैं।
#7 यहाँ बहुत हिंसा होती है
हम फिल्मों में कितनी हिंसा देखते हैं, या हम कितनी हिंसा नाटको में देखते हैं। WWE में भी उससे कोई ज़्यादा हिंसा नहीं होती है। लेकिन किसी को भी इन चीजों से दिक्कत नहीं होती है। कुछ लोग कहते हैं की वो इतनी हिंसा नहीं देख सकते हैं। अब की WWE की तुलना अगर आप पुरानी WWE से करें तो आप देखेंगे की अब हिंसा काफी कम होती है। आजकल रेस्लिंग में ज़्यादा खून भी देखने को नहीं मिलता है। सर पे चेयर मारना भी बंद हो गया है। आजकल रेस्लिंग लड़ने के तरीके भी बदल गए हैं, ताकि रेस्लिंग सेफ बन सके।
#6 ये बच्चों के लिए है
टीवी पर कुछ ऐसे प्रोग्राम आते हैं जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए होते हैं, और रेस्लिंग भी इसी श्रेणी में आता है। जब हम बड़े होते हैं तो हमारी मासूमियत खुद कहीं चली जाती है, लेकिन हम तब भी रेस्लिंग देखना नहीं छोडते हैं। आप अगर रेस्लिंग फैन नहीं है, और आप रेस्लिंग देखते हैं तो आपको पता चलेगा की ये बस बच्चों के लिए नहीं है। यहाँ एक कहानी के साथ-साथ कॉमेडी, एक्शन और सभी प्रकार की घटना होती हैं।
#5 रेस्लिंग में बस अच्छी बॉडी वाले रेसलर्स ही होते है
रेस्लिंग कभी इस दौर से निकला था, लेकिन अब ये पूरी तरह से बदल गया है। अच्छी बॉडी की बजाय रेस्लिंग में ऐसे लोग आ रहे हैं जो आम लोगों की तरह दिखते हैं। ऐसे ही आम से दिखने वाले लोग रेसलमेनिया जैसे बड़े इवैंट में जाकर जीतते हैं। रेस्लिंग में अब भी बॉडी वाले रेसलर हैं, लेकिन पूरी रेस्लिंग अब ऐसे ही रेसलर्स से नहीं भरी हुई है।
#4 क्या रेस्लिंग अब भी चल रही है?
ऐसे सवाल वो लोग करते हैं जिन्हे पता नहीं होता है की उनके आस-पास क्या चल रहा है। रेस्लिंग में लोग कई प्रकार के चैरिटी भी करते हैं। इन सब के बाद भी अगर कोई आपसे ये सवाल करे तो समझिए की उसे दुनिया से कुछ लेना-देना नहीं है। अगर बात करें हम रेस्लिंग की प्रसिद्धता की तो आज भी ये काफी फेमस है। यह काफी देशों में देख जा रहा है। ऐसे लोगों के लिए एक आंकड़ा भी है। रेसलमेनिया 29 को 72 मिलियन लोगों ने देखा था।
#3 रेसलर असली खिलाड़ी नहीं हैं
सैथ रोलिन्स ने कहा,"मैं खुदको खिलाड़ी मानता हूँ। मैं उनकी तरह ही ट्रेनिंग ही करता हूँ, मैं उनकी तरह खाना भी खाता हूँ। रेस्लिंग एक दिमागी और शारीरिक खेल है।" रोलिन्स ने ये उस सवाल पर कहा जहां उनसे कहा गया था की रेसलर्स असली एथलीट नहीं होते हैं। रेसलर अपनी बॉडी को सही रखने के लिए एथलीट जैसे ही सारे काम करते हैं। वजन उठाना, और एक्सरसाइज़ करना ही मात्र उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं है, बल्कि उन्हे रिंग में भी लड़ाई की प्रैक्टिस करनी पड़ती है।
#2 UFC और MMA ज़्यादा अच्छी हैं
UFC और MMA की तुलना WWE से करना सही नहीं है। UFC एक प्रतिस्पर्धा वाला खेल है, वहीं WWE एक कहानी बताता है। UFC में नतीजे कोई नहीं बता सकता है। WWE बिलकुल अलग है; यहाँ आपको सही मायनों में एंटरटेनमेंट मिलेगा। और जैसा मिक फोलि कहते हैं,"यह स्क्रिपटेड है, यहाँ पहले से ही सब कुछ डिसाइड होता, लेकिन किसी के हारने पर क्या तुम्हारा खेल जारी रहता है? क्योंकि मेरा तो रहता है।
#1 WWE नकली है
नकली होने में और अभिनय करने में काफी अंतर होता है। फिल्में नकली होती हैं पर हम फिर भी उन्हे देखते हैं। यहाँ तक की हम पैसा खर्च करके फिल्मों को सिनेमा में देखने जाते हैं। रेस्लिंग के साथ भी ऐसा ही है। यहाँ भी एक स्क्रिप्ट होती है, यहाँ भी एक कहानी होती है, यहाँ भी फिल्मों की तरह सब कुछ होता है। फर्क इतना है की यहाँ असली की चोटें लगती हैं। यह शो पूरे साल में 300 दिनों से भी ज़्यादा चलता है। और किसी भी रेसलर को यहाँ ज़्यादा आराम नहीं मिलता है। इन सब के बाद भी रेस्लिंग को नकली कहना सही नहीं है। लेखक-रेंजिथ रविन्द्रन, अनुवादक-नितीश उनियाल