ये पहला सालाना हैल इन ए सैल पे-पर-व्यू इवेंट था। दोनों ख़िताब के लिए इवेंट पर मुकाबले करवाने थे, तो क्यों न इसे हैल इन ए सैल पर करवा दिया जाये? मैच में भी कुछ खास बात नहीं थी (10 मिनट के मैच में सीएम पंक पिटते रहे) और इसका हैल इन ए सैल पर होने का कोई मतलब नहीं बनता था। इसके अलावा एक ही रात पर कई सारे हैल इन ए सैल करवाने के लिए एक पे-पर-व्यू की शुरुआत करवाना भी सही निर्णय नहीं था। लेकिन वे ऐसा पिछले 7 सालों से करते आएं हैं।
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