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रैंडी ऑर्टन के पैदा होते ही उनकी परवरिश रैसलिंग बिज़नेस के लिए होने लगी। इस युवा रैसलर को सीधे WWE के टॉप पर पहुँचाया गया। डेब्यू करने के दो साल के भीतर ही वो सबसे युवा वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बने। उनकी कामयाबी का रहस्य केवल वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप नहीं है। बल्कि उन्होंने अपने करियर में इस ख़िताब को आठ बार जीता है। इसके बावजूद रैंडी ऑर्टन का औसतम ख़िताबी समय सबसे खराब है। उनका औसत है 76 दिन। द वाईपर जब भी ख़िताब लेकर चलते तब उनके चेहरे पर एक अगल ही चमक थी। हालांकि उनके बाकि ख़िताबी दौर की ज्यादा अहमियत नहीं रही। रैसलमेनिया 30 के समय उनके ख़िताब का मूल्य बढ़ा।
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