फैंस और रैसलिंग पर्सनालिटी WWE के इतिहास को एरा में बांटना पसंद करते हैं - द गोल्डन एरा, द एट्टीट्यूड एरा आदि। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि समय के हिसाब से WWE अपना कंटेंट और कैरेक्टर बदलते रहता है। वर्ल्ड प्रोफेशनल रैसलिंग का ओवरऑल थीम समय के साथ बदलते रहना पड़ता है जिससे दर्शकों की दिलचस्पी बने रहे। हम जब आज WWE के कंटेंट को 2000 के शुरुआत सालों से तुलना करते हैं तो काफी चीज़ें भिन्न दिखाई देती हैं। आइए नज़र डालते हैं 2000 दशक के शुरूआती सालों की उन 10 चीज़ों पर जो अब हमें WWE में देखने नहीं मिलतीं...
जानवरों का इस्तेमाल
WWE टीवी में 2000 के दशक के शुरूआती सालों में जानवर, खासकर कुत्तों को स्टोरीलाइन का हिस्सा बनाया जाता था और कई सुपरस्टार्स अपने कुत्ते के साथ रिंग पर आते थे। प्रोफेशनल रैसलिंग में जानवरों का ट्रेडिशन रहा है। हालांकि इतिहास के बावजूद जानवरों के नेचर की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती जिसके चलते लाइव टीवी पर WWE ने उनका इस्तेमाल करना बंद कर दिया गया।
दो कमेंटेटर्स की अन्नोउंस टीम
माइकल कोल, टैज, जेरी लॉलर, जोनाथन कोचमैन और पॉल हेयमन का कॉम्बिनेशन 2000 की शुरुआत में WWE प्रोग्रामिंग को संभालता था। यह हमेशा टू मैन अन्नोउंस टीम हुआ करती थी और सब जोड़ियों में काम किया करते थे। लेकिन आज अन्नोउंस टीम में कम से कम तीन कमेंटेटर्स होते हैं। रॉ, स्मैक डाउन और NXT में चार कमेंटेटर्स की भी टीम नज़र आती है।
हर पीपीवी इवेंट के लिए स्पेशल सेट
2000 के शुरूआती सालों में हर पीपीवी का अपना अलग सेट होता था और इसे देखना फैंस को काफी रोमांचित कर देता था। बैकलैश 2001 का स्विंगिंग हुक्स, किंग ऑफ़ द रिंग 2001 का द जायंट थोर्न, 2005 के वेंजेंस ला द लॉस वेगास थीम। इन सब थीम से WWE अपने B लेवल के पीपीवी को भी स्पेशल बनाता था। आज के समय में रैसलमेनिया को छोड़ कर सभी का एंट्रेंस स्मैकडाउन या रॉ के सेटअप जैसा होता है। इससे शो की पर्सनालिटी नहीं रह पाती और इसलिए दिलचस्पी भी पैदा नहीं हो पाती।
प्रोमो में एडल्ट कंटेंट
WWE के मौजूदा प्रोमो अब उतने मज़ेदार नहीं है। अब इसे काफी हद तक फैमिली फ्रेंडली बना दिया गया है और सुपरस्टार इसलिए अपशब्द, स्लैंग और इंसल्ट एक इस्तेमाल नहीं करते। इससे थोड़ा मज़ा किरकिरा हो जाता है। वहीं 2000 के दशक में रॉक और स्टोन कोल्ड के बीच बेहद एंटरटेनिंग प्रोमोज़ हुआ करते ते जिसमें सुपरस्टार्स एक दूसरे के बुद्धिमता, लुक और सेक्स अपील पर कमेंट करते थे।
ब्रा और पैंटी मैच
क्लासिक टक्सिडो मैच के रूल को 90 के दशक के आखिरी सालों में वीमेन सुपरस्टार्स के लिए लाया गया था और इसे ब्रा और पैंटी मैच कहा जाता था। इसमें वीमेन सुपरस्टार्स को जीत के लिए एक-दूसरे को अंडरगारमेंट में लाना होता था। WWE चैंपियनशिप मैच के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि PG एरा में फ्रेंडली फैमिली फ्रेंडली कंटेंट बनाने के चलते WWE ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया।
हार्डकोर मैच
हार्डकोर रैसलिंग 90 के दशक की आखिरी सालों में और 2000 की शुरुआत में काफी फेमस था और इसमें चैंपियनशिप को पूरे 24 घंटे, 7 दिन डिफेंड करना पड़ता था। इसका मतलब था कि अगर आपको चैंपियनशिप के लिए चैलेंज करना है तो आपको बस रेफरी की जरूरत थी। सुपरस्टार्स को कहीं-भी, कभी-भी, किसी भी समय टाइटल डिफेंड करना पड़ता था। इससे WWE में कई शानदार मैच हुए और कभी सड़क पर, तो कभी नदी के किनारे मैच हुआ करते थे।
शो-लॉन्ग स्टोरीलाइन
लम्बी स्टोरीलाइन्स का सबसे अच्छा उदाहरण 2000 में मंडे नाइट रॉ के एपिसोड 425 में आया। इस शो में स्टोन कोल्ड को बियर बार में कई दफा दिखाया गया और मेन इवेंट के समय वह WWE में वापस आये और अलायंस के कई मेंबर्स को स्टनर मारा। आज के समय में अगर सुपरस्टार एक बार स्क्रीन में आ जाता है तो उन्हें दोबारा इन्वॉल्व होने का मौका नहीं मिलता, जिससे स्टोरीलाइन अधूरी लगती है।
पुरुष-महिला के बीच हिंसा
हालांकि मेल रैसलर्स और फीमेल रैसल के बीच में हिंसा के उदाहरण अभी भी हैं, जैसे रोमन रेंस ने स्टेफनी मैकमैहन को रैसलमेनिया 32 में स्पीयर दिया था। लेकिन अब इसे एक्सीडेंट की तरह दिखाया जाता है। 2000 के दशक में ऐसा नहीं होता था और स्टोन कोल्ड ने स्टेसी केइबेर को बियर पसंद न करने के लिए स्टनर दिया था और डडली बॉयज़ ने भी कई महीना रैसलर्स को मारकर टेबल तोडा था।
जानबूझ कर खून बहाना
2000 के दशक की शुरुआत में सभी शो में रैसलर का खून निकला करता था। चाहे आप मिड कार्ड रैसलर हों या मेन इवेंट रैसलर, खून निकलना आम बात थी। लेकिन आज WWE में रेफरी जब मेडिकल ग्लब्स पहनते हैं तो समझ आ जाता है कि सुपरस्टार्स को ट्रीटमेंट दो जाएगी फिर मैच होगा। इससे मैच में मोमेंटम नहीं बन पाता। पहले ब्लेड या कलर के इस्तेमाल से मैच में ड्रामा बढ़ता था।
हथियार से सिर पर वार
2000 के शुरुआती सालों में प्रोफेशनल रैसलिंग के इतिहास में काफी चेयर शॉट सिर पर मारे जाते थे। न सिर्फ चेयर बल्कि केंडो स्टिक, स्लेजहैमर, ट्रैश कैन यह सभी सीधा चेहरे पर मारे जाते थे। लेकिन सिर पर कोई भी हथियार मारना, अब WWE प्रोग्रामिंग में बंद कर दिया गया है और इससे रैसलर को कन्कशन या लॉन्ग टर्म इफ़ेक्ट होता है और सेफ्टी के चलते इसे बंद कर दिया गया है। लेखक: 34timechamp,अनुवादक: मनु मिश्रा