रेसलिंग की दुनिया में वो एक हील कैरेक्टर हैं, जिन्हें दर्शकों की नफरत का सामना करना पड़ता है। रेसलिंग के बाहर वो बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। स्टैफनी का 80 साल के कॉनर मिचलेक की मदद में खासा योगदान था। जब कॉनर की कैंसर से मौत हो गई तो उन्होंने ट्रीपल एच के साथ मिलकर एक संस्था शुरु की, जिसका नाम दिया कॉनर्स क्योर। ये संस्था ब्रेन और स्पाइनल कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए फंड जुटाती है। और ये बीमारियों से जूझ रहे बच्चों की मदद करती है। स्टैफनी बहुत सारे चैरिटेबल संस्थाओं से जुडी हुई हैं।
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