WWE के काम करने का एक तरीका हमें समझना होगा। स्मैकडाउन और रॉ के साप्ताहिक शो होते हैं और महीने में एक-एक पे पर व्यू। इसके अलावा अक्सर हाउस शो भी होते रहते हैं जिन्हें टीवी पर टेलीकास्ट नहीं किया जाता। हाउस शो कंपनी की कमाई का बड़ा जरिया है और यहां पर मर्चनडाइज़ की बिक्री बहुत होती है। इसी वजह से कंपनी के रैसलर्स साल के 300 दिन काम मे लगे हुए होते हैं। जहां साप्ताहिक शो और पे पर व्यू अंतराष्ट्रीय दर्शकों के लिए अहम है तो वहीं हाउस शो लोकल दर्शकों के लिए अहमियत रखती है। हाउस शोज़ में ज्यादा कुछ देखने नहीं मिलता, अक्सर WWE बड़े लम्हों को अपने टीवी शोज़ के लिए बचा के रखती है। लेकिन कभी कभार विंस मैकमैहन और उनकी क्रिएटिव टीम थोड़े बदलाव के लिए हाउस शोज़ में कुछ ऐसा कर देते हैं जिसकी दर्शकों को कल्पना नहीं होती। ऐसे ही 10 मौकों के बारे में बात करेंगे जब WWE के हाउस शो पर ख़िताब बदलें गए।
मैडिसन स्क्वायर गार्डन में एजे स्टाइल्स ने यूनाइटेड स्टेट्स चैंपियनशिप जीती
लिस्ट की शुरुआत हम हाल ही में हुई एंट्री से करते हैं। मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हुए हाउस शो के समय एजे स्टाइल्स ने रैसलिंग जगत को हैरान करते हुए केविन ओवन्स को हराया और यूनाइटेड स्टेट्स चैंपियनशिप अपने नाम की। अफवाहें हैं कि द गार्डन में खिताब बदलने के पीछे की वजह थी द फिनॉमिनल की रिलीज़ होने वाली DVD।
मिकी जेम्स और मेलिना ने WWE विमेंस चैंपियनशिप बदली
ये थोड़ा अजीब है। साल 2007 में फ्रांस में हुए हाउस शो पर मिकी जेम्स ने ट्रिपल थ्रैट मैच में विक्टोरिया को पिन कर दिया। इसमें WWE विमेंस चैंपियन मेलिना भी शामिल थी। दो मैचों के बाद मेलिना अपने री मैच की मांग की क्योंकि वो पिन नहीं हुई थी और री मैच में उन्होंने सभी को हैरान करते हुए अपना ख़िताब वापस जीत लिया।
पॉल लंदन और ब्रायन केंड्रिक ने WWE टैग टीम चैंपियनशिप बदली
ख़िताब के अदला-बदली का ये एक और उदहारण है और ये लगातार दो हाउस शो पर हुआ था। इसमें साल 2007 में WWE टैग टीम चैंपियनशिप बदली गयी थी। पॉल लंदन और ब्रायन केंड्रिक ने लांस कैड और ट्रेवोर मुर्दोच को हराकर ख़िताब जीत लिया लेकिन तीन दिन बाद दूसरे हाउस शो पर इसे वापस गंवा दिया।
द हार्डकोर चैंपियनशिप
आज हार्डकोर चैंपियनशिप नहीं है लेकिन एटीट्यूड एरा के समय पर इसकी काफी लोकप्रियता हुआ करती थी। इस चैंपियनशिप की खास बात ये थी कि इसे 24 घंटे बचाना पड़ता था। इसे कभी भी और कहीं भी चुनौती दी जा सकती थी। इस नियम के साथ हाउस शो में इस ख़िताब को कुल 128 बार बदला जा चुका है।
अपने घर पर एज ने इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप जीती
कई बार होमटाउन में रैसलिंग कर रहे रैसलर्स को चैंपियन बना दिया जाता है। इससे दर्शक उसे सबसे ज्यादा चीयर करते हैं। ऐसा ही कुछ साल 1999 में एज के साथ हुआ। टोरंटो के रहने वाले एज को जेफ जेरेट के WWE इंटेरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप के लिए लड़ने का मौका मिला। अपने परिवार और दोस्तों के सामने उन्होंने ख़िताब जीता और फिर अगली रात उसे गंवा दिया।
द माउन्टी चैंपियन बने
कई बार हाउस शो पर ट्रांसिशनल चैंपियंस को विजेता बनाया जाता है। साल 1992 में WWE और ब्रेट हार्ट के बीच करार को लेकर मतभेद था तब द माउन्टी को WWE इंटेरकॉन्टिनेंटल चैंपियन बनाया गया। उसके अलगे ही दिन रॉयल रम्बल पर उन्होंने ये ख़िताब रौड़ी रोड्डी पाइपर को गंवा दिया।
इवान बॉर्न को सस्पेंड किये जाने के कारण उन्हें ख़िताब छोड़नी पड़ी
आजकल बिना उम्मीद के खिताबों के बदलाव के पीछे की वजह है कंपनी की वैलनेस पॉलिसी। इसी वजह से इवान बॉर्न और टैग टीम पार्टनर कोफी किंग्स्टन को अपना ख़िताब गंवाना पड़ा था। 2012 में ओकलैंड में हुए हाउस शो पर दोनों को प्रिमो और एपिको के हाथों अपना ख़िताब छोड़ना पड़ा।
फिन बैलर का NXT चैंपियनशिप हारना
अप्रैल 2016 में मैसाचुसेट्स के लॉवेल में हुए एक NXT हाउस शो में फिन बैलर, समोआ जो के हाथों अपना NXT चैंपियनशिप हार गए। बैलर ने इस ख़िताब को काफी लम्बे समय से अपने पास रखा था और उन्हें इस तरह हारते देख दुख हुआ। 293 दिनों तक इस ख़िताब को अपने पास रखने के बाद जापान के बीस्ट इन द ईस्ट ने इसे समोअन सबमिशन मशीन के हाथों गंवा दिया।
समोआ जो की हार
समोआ जो को अपने ही दवा का स्वाद चखने मिला जब जापान के ओसका में हुए NXT हाउस शो में उन्हें NXT चैंपियनशिप शिंस्के नाकामुरा के हाथों हारनी पड़ी। मैच को बाद में WWE नेटवर्क पर लाया गया लेकिन असली खिताब जापान के ओसका के हाउस शो में बदला गया।
डीजल WWE चैंपियनशिप जीतते हैं
WWE चैंपियनशिप जिसे पहले WWF चैंपियनशिप कहा जाता था उसे 1994 में हुए एक हाउस शो के समय बदला गया था। मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हुए हाउस शो पर डीजल ने अपना पहला ख़िताब जीता। केविन नैश के नाम से लोकप्रिय इस रैसलर ने लेैजेंडरी बॉब बैकलुन्द को हराकर WWE ख़िताब अपने नाम किया। उस समय ये कोई आम बात नहीं थी। लेखक: आकाश चिलंकी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी