प्रो रैस्लिंग में जिस तरह की बुकिंग होती है उससे कई टीमें बनती है और कई टीमें टूटती है। कई बार इन टीमों का नाम नहीं होता, जैसे पूर्व WWE टैग टीम चैंपियन टाइसन किड और सिजेरो।
कई बार क्रिएटिव टीम इन टीमों के अजीब नाम रख देते हैं। जैसे डी-जनरेशन एक्स और द मिनिस्ट्री ऑफ़ डार्कनेस यादगार बन जाते हैं। दूसरे नाम जैसे द ब्लडलाइन जिसमें रोमन रेन्स और उसोज़ है, वो भी ठीक है हालांकि उनका इस्तेमाल ज्यादा नहीं होता। कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनके बारे में कुछ समझ ही नहीं आता।
ये रहे WWE टैग टीम, स्टेबल के कुछ बेहद ख़राब नाम:
#1 एक्स-फैक्टर
इस लिस्ट की बाकि एंट्रियों के मुकाबले इस टीम के नाम का ज्यादा मतलब बनता है। एक्स पैक उस स्टेबल के लीडर थे जिसमें अल्बर्ट और जस्टिन क्रेडिबल थे। इसलिए उनकी टीम का नाम एक्स फैक्टर जचता है।
लेकिन एक्स पैक इतने काबिल नहीं थे कि स्टेबल को उनके नाम पर रखा जाये। टीम का नाम और जिस तरह से वे हवा में हाथ उठाकर एक्स बनाते थे वो बिल्कुल DX की नकल थी।
#2 टू ड्यूडस विद एटिट्यूड
इसमें कोई दो राय नहीं कि मंडे नाईट वार में शॉन माइकल्स और केविन नैश ने अहम भूमिका निभाई। माइकल्स जहाँ WWE के DX का हिस्सा बने, वहीँ केविन नैश WCW के NWO में थे।
लेकिन दोनों ने साथ में मिलकर WWF में नाम कमाया, लेकिन टीम के नाम पर थोड़ी और मेहनत की ज़रूरत थी। 1990 के दौर में दोनों का नाम "टू ड्यूडस विथ एटिट्यूड" उनकी महानता नहीं बताता था।
#3 एयर रेड
टीम एयर पेरिस और ऐजे स्टाइल्स के किरदार के साथ टीम का नाम सूट कर रहा था। दोनों फ्लाइट सूट में आते और उन्हें देखकर मजा आता था।
लेकिन यहीं पर स्टाइल्स जैसे प्रतिभाशाली रैसलर्स की उपलब्धियां खत्म होती है। आप ही सोचिए अगर इसी तरह के निर्णय 2001 तक लिये जाएँ तो कंपनी पर तो ताला लगना ही है।
#4 3 मिनट वार्निंग
समाओ परिवार का रैस्लिंग इतिहास काफी बड़ा है। इसमें के कई रैसलर्स ने अच्छी टैग टीम बनाई और उनके अच्छे नाम भी थे। हालांकि कईयों के नाम संवेदनशील थे। वे वाइल्ड समोन्स, द हेडश्रिंकर्स, द शील्ड, द उसोज़ और ब्लडलाइन का हिस्सा रह चुके हैं।
लेकिन रोसी और उमागा का ग्रुप 3 मिनट वार्निंग लीजेंडरी नहीं था। भले ही दोनों स्टार में आक्रमकता और ताकत कूट कूट के भरी थी, लेकिन इसमें स्टार पॉवर की कमी थी।
#5 स्पिरिट स्क्वॉड
अगर WWE के मुख्य रॉस्टर में आप पुरुषों के चीयर लीडर की टीम बनाओगे तो उसका नाम स्पिरिट स्क्वाड बुरा नहीं है। ये किरदार के लायक है और इसे बोलने में दर्शक और एनाउंसर को कोई दिक्कत भी नहीं थी।
लेकिन सवाल ये है कि WWE में रॉस्टर में आपको पुरुषों के चीयर लीडर टीम की क्या ज़रूरत है। जिसका भी ये आईडिया था उसे पता होना चाहिए कि ये केवल थोड़े समय के लिए होगा। डोल्फ़ ज़िगलर इसके एकमात्र सदस्य है जो अभी तक टिके हुए हैं।
#6 ब्रीज़ेंगो
ये इस लिस्ट की नई एंट्री है और ये यहाँ पर अपने टीम के कारण है। टाइलर ब्रीज़ और फैन्डैंगो अच्छे से मिल जाते हैं और दोनों बढ़िया हील है। दोनों के पास ठीक-ठाक मूव्स भी है।
समस्या यहाँ पर टीम के नाम को लेकर हैं। इसका नाम ऐसा रखा गया था मानो जैसे की ये कपल सेलिब्रिटी हों। शायद अगर इसका नाम फाब्रीज़ रखते तो कम अजीब लगता।
#7 द क्लब
सच कहूँ तो यहाँ पर WWE को ऐजे स्टाइल्स, कार्ल एंडरसन और डॉक गैलोज़ के टीम का जो नाम चुनना था, वो नाम उन्हें नहीं मिला। क़ानूनी अधिकार के कारण इस क्लब को बुलेट क्लब नहीं बुलाया जा सकता, जैसा जापान में बुलाया जाता था।
लेकिन इसके नाम कल छोटा कर के केवल द क्लब रखना, आलसी लेखकों की निशानी है। WWE उनके लिए वो नाम नहीं ला पाई जिससे सभी दर्शक उन्हें बुलाना चाहते थे। शायद ये फिन बैलर की वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं, जो आकर इसे इसका सही नाम दे दें।
#8 लोस मैटाडोर्स
WWE के पास काफी समय था जब प्रतिभाशाली रैसलर्स सिंगल और टीम मुकाबले के लिए उपलब्ध थे। लेकिन वो समय 2013 में खत्म हो गया, जब टीम लोस मटाडोर्स ने डेब्यू किया।
जैसा आप सोच सकते हैं लोस मैटाडोर्स वैसे ही थे। वे बुल्लफाइटर्स की तरह दीखते थे और अजीब सी पोशाख थी। वें रन-बिरंगे कपडे पहनकर आते थे, जिसमें से एक छोटा इंसान था सांड की पोशाक में। चौंकने की बात नहीं है कि ये किरदार आगे नहीं बढ़ा।
#9 टीम BAD
जब डीवाज़ डिवीज़न में NXT की प्रतिभा आई तब वें सब तीन हिस्सों में बंट गए- टीम बेल्ला, टीम PCB और टीम BAD। बाकी दो टीमों के नाम सदस्यों पर थे तो वहीँ टीम BAD का पूरा मतलब था बेस्ट एट डॉमिनेटिंग।
ये नाम बिल्कुल बकवास है। सभी सोचने लगे की टीम BAD के नाम का कोई दूसरा कम मजाकिया मतलब भी हो सकता है ?
#10 क्राइम टाइम
सांस्कृतिक रूप से कई असंवेदनशील टीम के नाम भी है और उसी में से एक क्राइम टाइम भी है। 2006 से 2007 तक WWE में रहनेवाले अफ़्रीकी-अमरीकी शाद गस्पर्द और JTG, अपने किरदार के लिए हमेशा दूसरों की चीज़ें चुराते थे।
इसे मज़ाक करने और नकल उतारने के लिए अपनाया गया था, लेकिन जिस मकसद से ऐसा किया गया वैसा हो नहीं पाया। हानिकारक नस्लीय स्टीरियोटाइप में किसी तरह का कोई मज़ाक दिखा ही नहीं।
लेखक: जेरेमी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी