इस साल के रॉयल रम्बल के बाद ये ट्रेंड कम होने लगा है। लेकिन रॉ की रात में वो ट्रैन्ड वापस लौटा। इतने उबाऊ मैच के सामने ये ट्रैन्ड अलग दिखाई दिया। पिछले कुछ समय से WWE महिलाओ की स्तिथि में कुछ परिवर्तन लाने की कोशिश कर रही है। लेकिन रैसलमेनिया के बाद से इसमें कुछ परिवर्तन दिखाई नहीं दिया है। इसके बावजूद उनके पास एक ही किरदार है और वें उसे ही आगे बढ़ाते है। अगर उनके पास दो रैसलर मौजूद हैं तो वें पुराने तरह से उनके लिए छोटे मैचेस आयोजित करते हैं। नताल्या और बेकी लिंच का सेगमेंट 5 मिनट का था। शाशा बैंक्स, पेज और शार्लेट की प्रतिभा को देखते हुए उनका मैच उतना लम्बा नहीं था। ऐसा लग रहा है WWE हमें उस दौर में लेकर जा रही है जहाँ पर महिला केवल दिखाने के लिए रिंग में आती थी, उनमे रैस्लिंग काबिलियत नहीं होती थी। महिलाओं को इस तरह की बुकिंग देखकर बुरा लगता है।