WWE का इतिहास बहुत पुराना रहा है और साल 1982 में विंस मैकमैहन (Vince Mcmahon) ने इसे अपने पिता से खरीदा था। विंस ने धीरे-धीरे नए आइडिया लाने शुरू किए। उस दौरान रेसलमेनिया (WrestleMania), सर्वाइवर सीरीज (Survivor Series) और समरस्लैम (SummerSlam) जैसे इवेंट्स की शुरुआत की गई, जो आगे चलकर WWE के सबसे बड़े इवेंट्स में शामिल हुए।
साल 1993 में Raw की शुरुआत की गई और 1999 में SmackDown की शुरुआत की गई। अब कंपनी के पास 2 शोज़ थे, इसलिए 2002 में पहली बार ब्रांड स्पिलट किया गया। Raw और SmackDown के शोज़ का आयोजन अलग-अलग होने लगा। 2011 में ब्रांड यूनिफिकेशन कर दिया गया, लेकिन उसके 5 साल बाद 2016 में दोबारा ब्रांड स्पिलट हुआ।
WWE अभी भी रेड और ब्लू ब्रांड में बंटी हुई है और पिछले कुछ सालों में AEW से मिल रही प्रतिद्वंदिता के कारण WWE की प्रोग्रामिंग में काफी बदलाव देखा गया है। इसलिए इस आर्टिकल में हम उन 2 कारणों के बारे में आपको बताएंगे कि क्यों Raw और SmackDown को एकसाथ आ जाना चाहिए और 2 जिनसे उन्हें अलग ही रहना चाहिए।
WWE रोस्टर में शामिल सभी सुपरस्टार्स को मौका नहीं मिल पाएगा - साथ नहीं आना चाहिए
2020 में WWE ने COVID-19 महामारी के कारण अपने बजट में भारी कटौती की, जिसके चलते 2020 और 2021 में 50 से भी अधिक सुपरस्टार्स को रिलीज़ किया जा चुका है। फिर भी WWE के मेन रोस्टर में सुपरस्टार्स की संख्या अभी 100 के करीब है। सभी 100 सुपरस्टार्स को एक ही शो में लाने का फैसला थोड़ा अजीब नजर आता है।
इतनी संख्या में सुपरस्टार्स को एक ही शो का हिस्सा बनाकर टॉप पर पहुंचने का मौका नहीं दिया जा सकता। ऐसी स्थिति में कंपनी को कई अन्य रेसलर्स को भी रिलीज़ करना पड़ेगा, जिसका असर सीधा WWE के प्रोडक्ट पर पड़ेगा। वहीं रेसलर्स को 2 ब्रांड्स में बांट कर उन्हें पुश देना आसान होता है।
क्रिएटिव टीम एक जगह पर ध्यान लगा पाएगी - एकसाथ आ जाना चाहिए
साल 2019 के अक्टूबर महीने में SmackDown ने FOX नेटवर्क पर अपना डेब्यू किया था। चूंकि FOX और SmackDown की डील Raw और USA नेटवर्क के मुकाबले बड़ी थी, इसलिए अब SmackDown को WWE के नंबर-1 शो के रूप में दिखाया जाता है। इस वजह से Raw रोस्टर ब्लू ब्रांड के मुकाबले कमजोर पड़ता जा रहा है।
ऐसी स्थिति में अगर WWE की दोनों ब्रांड्स को साथ लाया जाता है तो क्रिएटिव टीम अपना ध्यान 2 की बजाय एक ही जगह पर लगा पाएगी। इससे नए और बेहतर आइडियाज़ दिमाग में आएंगे और स्टोरीलाइंस को अधिक रोचक बनाया जा सकेगा।
ब्रांड vs ब्रांड कम्पटीशन खत्म हो जाएगा - साथ नहीं आना चाहिए
साल 1988 में Survivor Series की शुरुआत एलिमिनेशन मैचों को ध्यान में रखकर की गई थी, जिनमें हर एक टीम में 4 या 5 सुपरस्टार्स शामिल होते थे। आगे चलकर Raw की शुरुआत हुई और फिर SmackDown अस्तित्व में आया। मगर अब Survivor Series को Raw vs SmackDown के लिए पहचाना जाने लगा है।
सबसे पहला टीम Raw vs टीम SmackDown 5-ऑन-5 एलिमिनेशन मैच Survivor Series 2005 में हुआ। अब हर साल फैंस टकटकी लगाए बैठे रहते हैं कि Raw और SmackDown में से कौन सी ब्रांड का रोस्टर बेहतर साबित होगा। इसलिए दोनों ब्रांड्स के साथ आने से फैंस को ब्रांड vs ब्रांड कम्पटीशन देखने को नहीं मिल पाएगा।
फैंस अपने पसंदीदा सुपरस्टार्स को दोनों ब्रांड्स में देख पाएंगे - साथ नहीं आना चाहिए
साल 2002 में पहली बार ब्रांड स्पिलट हुआ और WWE को तय करना था कि किस ब्रांड में कौन से सुपरस्टार्स को जाना चाहिए। इसलिए WWE ड्राफ्ट करवाया गया, जिसके तहत कुछ सुपरस्टार्स को Raw तो कुछ को SmackDown में भेजा गया। उसके बाद समय-समय पर ड्राफ्ट के जरिए सुपरस्टार्स को एक से दूसरे ब्रांड में भेजा जाता रहा है।
उदाहरण के तौर पर हम रोमन रेंस, सैथ रॉलिंस और जॉन सीना जैसे नामी सुपरस्टार्स को Raw के अलावा SmackDown में फाइट करते भी देख चुके हैं। अब अगर दोनों ब्रांड्स को एक कर दिया जाए तो फैंस दोनों ब्रांड्स में अपने पसंदीदा सुपरस्टार्स को परफॉर्म करते नहीं देख पाएंगे।