द शील्ड WWE में दोबारा से एक साथ आए और अब इस बार ऐसा लग रहा था कि ये रियूनियन काफी लम्बा चलेगा लेकिन इससे पहले कि रोमन रेंस का पिछला वायरस अटैक और डीन की चोट से उबरकर हम आगे बढ़ पाते उससे पहले ही इस हफ्ते रॉ में शील्ड पर हुए वार में ये बात सामने आ रही है कि सैथ रॉलिंस चोटिल हो गए हैं और शायद कुछ समय बाहर रहेंगे। अगर ये सच है तो ये कम्पनी के लिए काफी परेशानी की बात है क्योंकि सैथ का परफॉरमेंस काफी अच्छा चल रहा था। सैथ और डीन, रोमन कि मदद के लिए उस समय साथ आए जब ब्रॉन स्ट्रोमैन रोमन पर अपना मनी इन द बैंक कॉन्ट्रैक्ट कैश करने वाले थे। उसके बाद इस हफ्ते रॉ में सैथ रॉलिंस को मिली चोट को देखते हुए कम्पनी को इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप के साथ साथ कई चीज़ों के बारे में सोचना पड़ेगा। इस आर्टिकल में हम उन 3 नुकसानों के बारे में बात करने वाले हैं जो कंपनी को सैथ की चोट के कारण मिल सकते हैं:
#1 शील्ड का अंत
शील्ड का रियूनियन असल मेंWWE के लिए एक बहुत ही अच्छी बात थी और कम्पनी इसके सहारे रॉ की प्रोग्रामिंग को आगे बढ़ाना चाहती थी। वो इस सैगमेंट और रियूनियन के सहारे रोमन रेंस को भी आगे करना छह रही थी और उनका प्रभाव बिल्कुल एवोल्यूशन वाले ट्रिपल एच की तरह करना चाहती थी। इस चोट की वजह से ना केवल उस कहानी को रोकना पड़ेगा बल्कि अब उन्हें ये सोचना पड़ेगा कि अब रोमन रेंस को आगे कैसे बढ़ाया जाए।
#2 इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप को लेकर परेशानी
इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप का महत्व पिछले कुछ वक़्त में काफी बढ़ा था और सैथ उसकी एक ख़ास वजह थे क्योंकि उनके हर बार के चैलेंज ने इस चैंपियनशिप को उसकी सही पहचान दिलाने की कोशिश की थी। इस टाइटल से जुड़े मैच ने एक बड़े शो को मेन इवेंट किया था और उसके बाद से ये टाइटल काफी अच्छे स्तर पर जा रहा था लेकिन इस चोट के बाद अब कंपनी को ये किसी ऐसे रैसलर को देना पड़ेगा जिसके पास इस समय मोमेंटम हो।
#3 स्ट्रोमैन, ज़िगलर और मैकइंटायर
इस हफ्ते रॉ में सैथ रॉलिंस को चोट लगी और डॉल्फ ज़िगलर, ड्रू मैकइंटायर तथा ब्रॉन स्ट्रोमैन की शील्ड के साथ फिउड वाली कहानी कमज़ोर हो गई। हालांकि ज़िगलर और मैकइंटायर ने इसी हफ्ते रॉ टैग टीम चैंपियनशिप्स जीतीं और वो टैग टीम डिवीज़न वाले फिउड का हिस्सा हो सकते हैं और वहीँ स्ट्रोमैन, रेंस के साथ यूनिवर्सल चैंपियनशिप वाले फिउड का हिस्सा बन सकते हैं लेकिन शील्ड के साथ फिउड में जो संभावनाएं थीं उसके जैसा आनंद इन फिउड्स में नहीं आएगा। लेखक: मासूम अली; अनुवादक: अमित शुक्ला