Hell In A Cell 2018: 3 कारण जिनके आधार पर रैंडी ऑर्टन बनाम जैफ हार्डी स्टील केज में होना चाहिए

रैंडी ऑर्टन और जैफ हार्डी के बीच समरस्लैम के बाद वाले स्मैकडाउन में एक ज़बरदस्त मैच हुआ जिसमें हमने इन दोनों को कुछ बेहद खतरनाक करते हुए देखा जिसमें रैंडी द्वारा जैफ के कान को खींचना तो वहीं जैफ द्वारा उन्हें स्वॉन्टन बॉम्ब दिया जाना शामिल है, और इस दौरान स्टील स्टेर्यस से लेकर अनाउंसर टेबल तक ये मैच लड़ा गया। ये पहली बार नहीं था जब इन्होंने मैच लड़ा था, लेकिन हर बार की तरह ये मैच भी काफी रोमांचक था। इन दोनों के बीच अगली लड़ाई हैल इन ए सैल शो में होनी चाहिए, और इतिहास इस बात को बताता है कि इस शो या स्ट्रक्चर ने किसी को भी नहीं बख्शा। अगर आपको याद हो तो 28 जून 1998 को किंग ऑफ द रिंग शो के दौरान अंडरटेकर ने मैनकाइंड को हैल इन ए सैल से नीचे धक्का दे दिया था, और अपनी इस मूव की वजह से ये दोनों लेजेंड्स हो गए थे। रैंडी और जैफ का करियर लेजेंडरी है और अगर इन दोनों को इस स्ट्रक्चर में लड़ने का मौका मिला तो ये अपने करियर को बहुत बड़े स्तर पर ले जाएंगे, और ये हैं उसके 3 प्रमुख कारण:


#3 एक्सट्रीम सम्भावनाएं

जैफ हार्डी ने इस सप्ताह स्मैकडाउन में जिस तरह से रैंडी ऑर्टन को स्वॉन्टन बॉम्ब दिया उससे ये बात तो तय है कि ये एक्सट्रीम मूव्स कर सकते हैं और अगर उसमें हम स्टील को जोड़ दे तो ये क्या धमाल कर सकते हैं इसके बारे में बताया ही नहीं जा सकता। ये एक्सट्रीम मूव्स में माहिर हैं लेकिन इनके इस तरीके को देखने के लिए हमें इन्हें स्टील से बने केज या सैल में इन्हें लड़ने का मौका देना होगा।

#2 वाइपर की क्रूरता

अगर जैफ हार्डी इस स्ट्रक्चर के जानकार हैं तो रैंडी ऑर्टन भी एक अद्भुत जानकार हैं, और वो खुद कई ज़बरदस्त मूव्स कर चुके हैं और इनके द्वारा उन्होंने कई बड़े रैसलर्स को चित किया हुआ है जिसकी गिनती नहीं की जा सकती। अगर वाइपर अपने उस रूप में गए तो हमें एक ऐसा पल देखने को मिलेगा जिसमें वाइपर की वजह से जैफ हार्डी या तो खून से लथपथ होंगे या फिर दर्द से परेशान होंगे, लेकिन शायद ही कोई चाहेगा कि उसको उस दौर से गुजरना पड़े जहां वाईपर नाराज़ हों और उनका गुस्सा उस रैसलर पर निकले।

#1 स्टोरीलाइन

ये दोनों कहानियों को बनाने और बेहतर करने के एक्सपर्ट्स हैं और क्या हो अगर कम्पनी इनके बीच के फिउड को बढ़ाते हुए हैल इन ए सैल से आगे सर्वाइवर सीरीज या उससे आगे ले जाती है। इसे बाद में एक ऐसी स्टोरी के साथ जोड़ा जा सकता है जो किसी चैंपियनशिप के लिए हो और ये कहानी उस कहानी के साथ ना केवल आगे बढ़ेगी बल्कि और बेहतर भी बन सकती है, जिसका अंत देखने में आनंद आएगा। लेखक: अमित शुक्ला; अनुवादक: अमित शुक्ला