मौत को मात देने के बाद उन्होंने अपनी हैल्थ को और गंभीरता से लिया। इसलिए उन्होंने अपने करियर में बॉडीबिल्डिंग को महत्व दिया। उन्हें लगता था कि इससे उनकी बॉडी अच्छी होगी और उन्हें जीने का एक कारण भी मिलेगा। एक साल के अंदर ही वो इसमें प्रोफेशनल बन गई और उन्होंने एर्नोल्ड स्पोर्ट्स फेस्टिवल टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया था। इतनी अच्छी होने के बावजूद वो कभी भी जीतने के करीब नहीं आई। हालांकि बॉडी बिल्डिंग की वजह से वो मानसिक रूप से मजबूत हो ज्ञ और यह चीज उन्हें अब रैसलिंग में मदद कर रही है। लेखक- मैथ्यु, अनुवादक- मयंक मेहता
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