5 ऐसे WWE सुपरस्टार्स जो सबसे बेहतर जर्मन सुपलेक्स देते हैं

तकनीकी तौर पर तो जर्मन सुपलेक्स को पेट से कमर लॉक सुपलेक्स के रूप में जाना जाता है। जर्मन सुपलेक्स एक खास मूव में से एक हैं। इस मूव की शुरुआत लो थीस्ज़ ने की थी, तो दूसरी तरफ इसको पहचान दिलवाई कार्ल गोच ने। जर्मन सुपलेक्स को अभी तक एक खतरनाक मूव के रूप में देखा जाता हैं। इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि यह मूव को कभी भी और किसी भी वक्त दिया जा सकता हैं। जर्मन सुपलेक्स एक समय में WCW क्रूज़वेट डिविजन का इंटेगर्ल पार्ट था। इसका प्रयोग सबसे ज्यादा एटीट्यूड एरा और अति एग्रेसिव एरा में इस्तेमाल किया जाता था, जिसका श्रेय क्रिस बेनों और कर्ट एंगल को दिया गया है, जो उस समय रैस्लिंग कि दुनिया को अलग ही लेवल पर ले गए थे। हालांकि इसका उपयोग आज के WWE में कम हो गया हैं, लेकिन फिर भी ऐसे कुछ सुपरस्टार्स है, जो इसका इस्तेमाल करते हैं। नज़र डालते हैं ऐसे 5 सुपरस्टार्स पर 1- सिजेरो cesaro-1464928748-800 स्विस सुपरमैन सिजेरो इस समय दुनिया के सबसे अच्छे पाउंड रैस्लर में से है। उनके सिग्नेचर मूव में सुपलेक्स मौजूद हैं। सिजेरो ज़्यादातर समय गटरेंक सुपलेक्स का इस्तेमाल करते हैं। वो सबसे ज्यादा इसे मैच के अंत में ही प्रयोग में लाते है। जो चीज़ इनके इस मूव को खास बनाती है, यह हमेशा अपने से मजबूत रैस्लर को यह मूव देते है, वो भी बहुत ही बखूबी से। अगर यकीन न हो तो, इनका वो जर्मन सुपलेक्स देखे, जो उन्होने 300 पाउंड्स बिग ई को दिया था। फिर भी अगर इनके ताकत पर शक हो तो, इनका डबल जर्मन सुपलेक्स देखे, जो इन्होने केविन ओवंस और रुसेव को दिया था। 2- केविन ओवंस kevin-owens-1464928919-800 अगर WWE में कोई सुपरस्टार है, जिसने पूरे यूनिवर्स को तूफान की तरह ले लिया हो, तो वो है केविन ओवंस। फिर चाहे वो माइक्रोफोन पर हो, रिंग के अंदार हो, या फिर टिवीटर। यह सही में ज़बरदस्त है। केविन ओवंस इस समय इस इंडस्ट्री में सबसे बड़े विलन है। फिर भी जिस तरह के मूवस इनके पास है, वो इन्हें खास बनाते हैं। उन्हीं में से एक है जर्मन सुपलेक्स। वो अपने विरोधी को कमर से पकड़ते है और उन्हें काफी दूर फैक देते है। जैसे की ओल्ड स्कूल फैंस को इन बिग रेसलर्स की याद दिलाती होगी, जैसे वेदर और योकुनज़ा। वो जर्मन सुपलेक्स इतना अच्छा देते है, फिर भी वो इस मूव को लगातार इस्तेमाल नहीं करते, क्योकि इनके पास कई और मूव्स भी है। 3- नेविल neville-1464930150-800 एड्रियन नेविल, जो की अपनी ऊंची उड़ानों के लिए जाता है। वो दुनिया में सबसे अच्छे क्रूज़वेट रेसलर्स में उनकी गिनती होती है। वो अपनी उड़ानों से कुछ भी असंभव कर सकते है। जो चीज़ उन्हें अलग बनाती है, वो है वो अपनी अच्छी उड़ानों के साथ पूरी ताकत के साथ रैसल भी कर सकते हैं। उन्हें जर्मन सुपलेक्स देते काफी कम ही देखा गया है। वो सिर्फ अपने विरोधी को पिन करने के इसका इस्तेमाल करते है। सारे फैंस को पता ही है कि मैच अभी खत्म नहीं होने वाला है, अभी कुछ और खास आने वाला है। 4- नटालिया natalya-1464931430-800 नटालिया वुमेन डिविजन में सबसे छोटी कद वाली रैस्लर्स में से हैं। इसके बावजूद वो अपने विरोधी के खिलाफ वो सारे ताकतवर मूव्स का इस्तेमाल करती है, जो इन्होने हार्ट डंगिओन में सीखे थे। एक ऐसा मूव जिनमे नटालिया को महारथ हासिल है, वो है जर्मन सुपलेक्स। इस लिस्ट में शामिल कई रैस्लर्स के विपरीत नटालिया इसका उपयोग सबसे ज्यादा करती है। अगर इनकी ताकत और स्किल्स को देखना है, तो जापान में हुए ओसम काँग के साथ मुक़ाबले को देखे। उस मुक़ाबले में नटालिया ने काँग को जर्मन सुपलेक्स से हिला कर रख दिया था। 5- ब्रॉक लैसनर brock-lesnar-and-the-anatomy-of-an-potent-momentumgrowing-beatdown_1-1464938434-800 इस लिस्ट में हमने सबसे ऊपर रखा है, इस मूव के स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले बीस्ट ब्रॉक को। आप इनके अलावा किसी को भी सबसे ऊपर नहीं रख सकते। इस मूव को इनसे बेहतर कोई और परफ़ोर्म नहीं कर सकता। लैसनर के WWE में दो किरदार रहे हैं। एक उनके UFC जाने से पहले और दूसरा UFC से आने के बाद। UFC जाने से पहले वो सारे मूव्स का इस्तेमाल किया करते थे। फिर चाहे वो जर्मन सुपलेक्स हो, स्पाइनबस्टर , या फिर पावरबॉम्ब। UFC से आने के बाद तो खुद ही बड़े रैस्लर्स बन गए थे। यहा वापिस आने के बाद उन्हें सारे मूव का इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं पड़ी, उन्होने बस अपने आप को जर्मन सुपलेक्स में पर्फेक्ट बना लिया, उनका हाल ही में दूसरा नाम भी यही बन गया है। लैसनर का इस मूव का प्रयोग करने का कारण यह भी है कि यह फैंस को काफी अच्छा लगता हैं। जॉन सीना से लेकर बिग शो से लेकर सैथ रोलिन्स तक, लगभग हर एक रैस्लर को सुपलेक्स सिटी से गुजरना पड़ा हैं। लैसनर के फैंस होने के नाते, सब यही उम्मीद करेंगे कि वो यह कारनेज जारी रखे और कई और रैस्लर्स को सुपलेक्स सिटी कि सैर करवाए। लेखक-समीर, अनुवादक- मयंक महता