इंसान की पहचान उसके चरित्र से होती है, नाकि उसके कपड़ो से। हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती। काले और सफ़ेद धारियां का मतलब सफ़ेद शेर भी हो सकता है। मैं ऐसे उदहारण पूरे दिन दे सकता हूँ। WWE के चकाचौंध के बीच हम उसकी बुराईयां देखना ही भूल जाते हैं। ये बात आप पहली बार नहीं सुन रहे होंगे, ये WWE में मुख्य बिज़नस से जुड़ा हुआ है। भले ही WWE मनोरंजन की दुनिया में अच्छी हो, लेकिन असली ज़िन्दगी में इसके उल्ट है। लेकिन बंद दरवाजे के पीछे क्या होता है, वो किसे पता? लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। ये रहे WWE के 5 सफ़ेद झूठ जिसे उन्होंने हमसे छुपाने की कोशिश की:
#1 ये सब झूठ है!!
70 और 80 के दशक में WWE आकर्षक थी। दर्शकों को रैसलर्स के की लड़ाई उन्हें किसी देवताओं के बीच की लड़ाई जैसी लगती थी। लेकिन 90 के दशक में लोगों के सामने सच्चाई आई। स्टेरोइड विवाद के समय विंस मैकमैहन को ये कबुल करना पड़ा था कि WWE की रैस्लिंग स्क्रिप्टेड होती है। इसे रैसलर्स एक्टिंग करते हैं। इससे WWE का भांडा फूटा और उन्हें इसके बाद आगे विकसित होकर बढ़ना पड़ा। एटिट्यूड एरा इसका उदहारण है।
#2 रैसलर्स के कद और वजन को लेकर झूठ
रैस्लिंग की दुनिया में दिखने में ताकतवर रैसलर्स की मान होती है, जो चींखते हुए दर्शकों के सामने प्रदर्शन कर सकें। लेकिन उन्हें ताकत के साथ साथ थोड़ी और चीज़ की ज़रूरत होती है। यहाँ पर हम नॉन रैस्लिंग स्किल्स के बात नहीं कर रहे, हालांकि वो भी ज़रूरी है। बड़े रैसलर्स जो अपनी बातों से भी दर्शकों का मनोरंजन करें, ऐसे रैसलर्स का मिलना मुश्किल है। इसके अलावा हमने कई बार छोटे रैसलर्स को बाज़ी मारते हुए देखा है। सभी जानते हैं कि विंस जाइंट रैसलर्स को कितना पसंद करते हैं। लेकिन अगर WWE में केवल जाइंट ही भरे जाते तो WWE कबका इतिहास बन गया होता। इसलिए WWE को बचाने के लिए रैसलर्स आएं जिनके पास अच्छा करैक्टर है, व्यक्तिव है और वें जाइंट नहीं है। इसलिए WWE इन रैसलर्स को हमेशा बड़ा कर के दिखती है। जैसे जॉन सीना की उंचाई है 6 फ़ीट लेकिन उन्हें अक्सर 6"1' या 6"2' बताई जाती है और उनका वजन 250 पाउंड बताया जाता है, जिसपर विश्वास करना मुश्किल है।
#3 चोटें
जो भी कहता है कि रैस्लिंग बनावटी होता है, उसे ये पढ़वाएं। रैसलर्स जैसा मूव इस्तेमाल करते हैं, उसका उद्देश किसी को चोट पहुंचाना नहीं होता, लेकिन अक्सर हम जैसा सोचते हैं, वैसा नहीं होता। एटिट्यूड एरा से रुथलेस्स अग्रेशन एरा और आजतक जिसने भी रैस्लिंग को ध्यान से देखा है, उसे मालुम है की स्टील चेयर, पाइलड्राइवर्स और हार्डकोर मैचेस का क्या परिणाम होता है। दर्शकों की मांग होती है, मनोरंजन। लेकिन इस मोरंजन के लिए रैसलर्स को बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। गहरी चोट, हृदय रोग, गले में चोट हमे मनोरंजन की याद दिलाते हैं।
#4 झूठे आकंड़े
क्या आपको मालुम है, WWE का सबसे बड़ा रैसेलमेनिया असल में सबसे बड़ा रैसलमेनिया नहीं है। वें दावा करते हैं कि 1,00,000 लोग मौजूद थे, हालांकि टिकटों की बिक्री केवल 97,000 हुई है। बैकस्टेज स्टाफ, कॉम्प्लीमेंट्री टिकटों को जोड़ दें तो ये संख्या रिकॉर्ड अटेंडेंस तक पहुँच जाती है। WWE के लिए ये कोई नई बात नहीं है, वें हर चीज़ को बढ़ा चढ़ा कर दिखाते हैं।
#5 रैसलर्स की असलियत छुपाई
स्टोरीलाइन के तहत आपको कुछ अलग दिखाया जाता है और रैसलर्स की असल ज़िन्दगी में कुछ अलग होता है। क्यूबेक के इवान कोलॉफ् को आँख की पट्टी पहने हुए रीजनल सर्किट में आइरिशमैन दिखाया गया था और बाद में WWE में उन्हें "द रशियन बेयर" बताया गया। यहाँ तक की फ्लोरिडा की लाना को WWE में लम्बे समय तक रुसी बताया गया। लेकिन सबसे लम्बा झूठ था मोहम्मद हसन का, उन्हें इतालियन-अमेरिकन कहा गया, लेकिन वें न्यूयॉर्क के हैं। लेखक: सुधीर, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी