रॉयल रंबल WWE कैलेंडर का एक खास हिस्सा है और 1993 में इसकी शुरुआत से ही अमूमन इसके विजेता को रैसलमेनिया में एक टाइटल शॉट का मौका मिलता है। WWE के लिए इस मुकाबले की अहमियत अपने आप बढ़ जाती है क्योंकि यह WWE के सबसे बड़े इवेंट यानि रैसलमेनिया के लिए एक स्टोरीलाइन तैयार कर देता है। इस इवेंट की एक और खास बात यह है कि अक्सर इसका विजेता के लिए कंपनी के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक बनने का रास्ता भी तैयार होने लगता है। आइए इतिहास में हुए कुछ ऐसे ही रॉयल रंबल मैचों पर एक नजर डालते हैं जिनका असर हम आज भी महसूस करते हैं -
#5: 1994
1994 का रॉयल रंबल मैच आने वाले सालों में एक नए युग की शुरुआत थी जिसका अंत बहुत ही अजीब था क्योंकि ब्रेट हार्ट और लेक्स लूजर दोनों को ही संयुक्त विजेता चुना गया। लेक्स लूजर रैसलमेनिया में चैंपियनशिप जीतने के मौके को गंवा बैठे जबकि ब्रेट हार्ट ने इसे भुना लिया। इसके बाद जल्द ही लेक्स लूजर ने कंपनी को छोड़ दिया। 1994 के इवेंट ने कंपनी को 80 के दशक से एक कदम आगे बढ़ा दिया जहां "लार्जर देन लाइफ" रैसलिंग को टेक्निकल स्टाइल के साथ मिला और रैसलिंग में ज्यादा विश्वसनीयता आने लगी। इस एरा में ब्रेट हार्ट ने खूब नाम कमाया।
#4: 2015
2015 के रॉयल रंबल मैच को ज्यादातर लोग इस इवेंट के इतिहास का सबसे ख़राब मुकाबला मानते हैं। अनेक अप्रत्याशित उलटफेरों के बाद अंत में रोमन रेंस की जीत, ज्यादातर दर्शकों को पसंद नहीं आयी। भले ही यह मैच एक डिजास्टर साबित हुआ लेकिन इसका अपना महत्त्व भी कहीं से कम नहीं था। रोमन रेंस WWE के अगले बड़े प्रोजेक्ट थे और यही वो पल था जिससे उनके स्टारडम को अचानक ही काफी बढ़ाया जा सकता था। इस मैच का असर रेंस के करियर पर अगले 3 सालों तक रहा और इसने WWE प्रोग्रामिंग को काफी प्रभावित किया।
#3: 2001
साल 2000 के दौरान WWE में बड़े बड़े परिवर्तन देखने को मिलने लगे थे। यह बिना किसी शक के कंपनी का सबसे बेहतरीन साल था। रॉक कंपनी के टॉप स्टार बन चुके थे और एटीट्यूड एरा की शुरूआत हो चुकी थी। जैसे ही 2001 शुरू हुआ, सबसे बड़ा सवाल यही था कि कंपनी का टॉप स्टार कौन है? अपनी लम्बी वापसी के बाद स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन को भी खुद को दोबारा साबित करना था और उन्होंने इसकी शुरुआत इस मुकाबले को जीतकर की। रैसलमेनिया में उनकी जीत के बावजूद यह साफ़ दिखने लगा था कि उनके साथ साथ कंपनी ने भी अपने गोल्डन टाइम को पार कर लिया है। रैसलमेनिया 17 अब तक का सबसे जबर्दस्त मुकाबला साबित हुआ लेकिन WWE दोबारा कभी इस ऊंचाई पर नहीं पहुंच पायी। मंडे नाइट वार्स को आधिकारिक रूप से ख़त्म कर दिया गया और 2001 का रॉयल रंबल आख़िरकार एक नए युग के बदलाव का इवेंट बना। #2: 2005 2005 से पहले, WWE एक अजीब जगह थी। एटीट्यूड एरा के स्वर्णिम दौर के ख़त्म होने के बाद से इसे अभी तक कोई सही रास्ता नहीं मिल पाया था। कंपनी के दो बड़े सुपरस्टार्स अब गायब हो चुके थे। स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन रिटायर हो चुके थे जबकि रॉक हॉलीवुड के रास्ते पर चले गए थे। स्थिति और ख़राब थी क्योंकि जिसके कंधे पर अब आगे की जिम्मेदारी थी वे ब्रॉक लैसनर थे लेकिन उन्होंने भी NFL में अपनी किस्मत आजमाने के लिए एक साल पहले ही कंपनी को छोड़ दिया था। इसी बीच 2004 के दौरान बतिस्ता और जॉन सीना, रॉ और स्मैक डाउन पर नए सुपरस्टार्स बनकर उभर रहे थे और कंपनी ने आखिकार इनपर ही भरोसा करने और इनके साथ ही आगे बढ़ने का बिलकुल सही फैसला किया। 2005 के रॉयल रंबल में यही दो अंत में रिंग में बचे थे और बहुत ही विवादस्पद अंदाज में बतिस्ता ने यह मुकाबला जीत लिया। रैसलमेनिया 21 में ये दोनों ही अपने अपने ब्रांड के वर्ल्ड चैंपियन बन गए और इसी के साथ कंपनी में एक नया बदलाव आ गया। रंबल में हार के बावजूद जॉन सीना बतिस्ता की तुलना में ज्यादा बड़े स्टार साबित हुए और कंपनी को अपना अगला चेहरा मिल गया। सीना ने इसके बाद अगले दशक तक कंपनी को अपने कन्धों पर उठाया।
#1: 1998
1996 और 97 के समय WWF एक डार्क प्लेस बन चुका था और यह भी निश्चित नहीं हो पा रहा था कि कंपनी खुद को बचा पायेगी या नहीं। दूसरी और हल्क होगन की मौजूदगी से WCW लोकप्रियता के चरम पर पहुंच चुकी थी। कंपनी की हालत इतनी ख़राब हो चुकी थी कि विंस अपने टॉप स्टार ब्रेट हार्ट को भी अफोर्ड नहीं कर पा रहे थे। विन्स के पास कोई ऐसा स्टार नहीं था जो लोकप्रियता में होगन या स्टिंग की बराबरी कर सकता हो। ऐसे में अपने "3:16" प्रोमो के साथ स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन आश्चर्यजनक रूप से उभरकर सामने आये। विन्स ने भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया और 1998 में ऑस्टिन को लगातार दूसरी बार रंबल का विजेता बनने दिया। ऑस्टिन की चमक के आगे होगन फींके पड़ने लगे। ऑस्टिन ने रैसलमेनिया में WWF चैंपियनशिप के लिए शॉन माइकल्स को हराया। इसी के साथ न्यू जेनरेशन एरा ख़त्म हुआ और एटीट्यूड की नींव पड़ गयी। और इसके बाद कंपनी ने अपने बुरे दौर को पीछे, बहुत पीछे छोड़ दिया।