WWE के चार पीपीवी में से एक रॉयल रम्बल है। आज से 30 साल पहले इस पीपीवी की शुरुआत हुई थी। इस पीपीवी में हमे काफी सारे अच्छे मैच देखने की मिले हैं। आइए जानते हैं 5 रैसलर्स की उन परफॉरमेंसेस जिन्हें रॉयल रम्बल मैच जीतने के काबिल नहीं समझा गया...
#5 ट्रिपल एच (2006)
रॉयल रम्बल 2006 रे मिस्टीरियो के लिए काफी अच्छा रहा क्योंकि इस रॉयल रम्बल में मिस्टीरियो ने नंबर 2 पर एंट्री लेकर मैच को अपने नाम किया था। लेकिन ट्रिपल एच (जिन्होंने इस मैच में नंबर 1 पर एंट्री ली थी) ने इस मैच में अपनी पकड़ 1 घंटे 16 सेकंड तक बनाये रखी। रे मिस्टीरियो के हाथों एलिमिनेट होने से पहले ट्रिपल एच ने बिग शो,केन और रिक फ्लेयर जैसे रैसलर्स को भी एलिमिनेट किया था।
#4 कोडी रोड्स (2012)
साल 2012 का रॉयल रम्बल मैच इतना खास नही था क्योंकि इस मैच में तीनों कमेंटेटर्स पार्टिसिपेंट्स के रूप में लड़ रहे थे। हालांकि इस मैच में कोडी रॉड्स की परफॉरमेंस काफी अच्छी थी। कोडी इस मैच में 41 मिनट तक रहे और इस मैच में इन्होंने 6 सुपरस्टार्स को एलिमिनेट किया था जिसमे द ग्रेट खली और मिक फोली जैसे सुपरस्टार्स शामिल हैं।
#3 ऐज(2005)
बतिस्ता का साल 2005 रॉयल रंबल जितना सबसे अच्छा मैच साबित हुआ। हालांकि, 2005 में ऐज की परफॉरमेंस की काफी अच्छी थी। इस मैच में ऐज ने रिक फ्लेयर, रे मिस्टीरियो और एडी गुरेरो जैसे रैसलर्स की एलिमिनेट किया था। भले ही इस मैच में जीत बतिस्ता की हुई हो लेकिन यह मैच ऐज के करियर के सबसे अच्छे मैच में से एक था।
#2 रिक मार्टेल (1991)
साल 1991 का रॉयल रम्बल मैच सबसे अच्छे रॉयल मैच में से एक था। इस मैच के दौरान रिक मार्टेल पहले ऐसे रैसलर बने जो रॉयल रम्बल मैच में 50 मिनट तक मैच में बना रहा हो। इस मैच के दौरान रिक ने 4 रैसलर्स को एलिमिनेट किया जिसमे जेक 'द स्नेक' रोबर्ट्स भी शामिल थे और बाद में रिक की जेक के साथ फिउड की भी शुरुआत हुई थी।
#1 द ब्रिटिश बुलडॉग (1995)
साल 1995 में, शॉन माइकल्स पहले ऐसे रैसलर बने जिन्होंने नंबर 1 पर एंट्री लेके रॉयल रम्बल जीता था। इस मैच में शॉन लगभग 40 मिनट तक बने रहे और इस दौरान इन्होंने 8 रैसलर्स को एलिमिनेट भी किया था। हालांकि इस मैच में शॉन लगभग एलिमिनेट हो गए थे जब द वे बॉय स्मिथ ने टॉप रोप से नीचे फेंक दिया था। लेकिन, शॉन बॉटम रोप का सहारा लेकर रिंग में वापस आये जिसके बाद इन्होंने स्मिथ को एलिमिनेट करके मैच को अपने नाम किया। लेखक: कार्तिक सेठ, अनुवादक: ईशान