जो लोग भी लड़ाई वाले से इस खेल को फॉलो करते हैं उन्हें लेसनर के बारे में पता है, और ज्यादा उनकी दक्षता बता सकते हैं। वह अपने घर में रेसलिंग के कई ख़िताब जीतकर ले जा चुके हैं। जिनमे WWE और जापान के टॉप टाइटल और UFC चैंपियनशिप के साथ ही उन्हें रेसलमेनिया में अंडरटेकर को हराने का भी सम्मान हासिल है। इन सबके बावजूद लेसनर WWE से लेकर जहाँ भी गये हैं वह लम्बे समय तक टॉप ड्रॉ में नजर आते रहे हैं। लेकिन अंत में किसी मुकाबले में उन्हें खुद पर कण्ट्रोल रहा है तो किसी में नहीं रहा है।
#1 उनकी उम्र ज्यादा है
ब्रॉक लेसनर 38 साल के हैं। उनकी उम्र एजे स्टाइल के बराबर और जॉन सीना से कम है। लेस्नर का वजन 300 पौंड है, लेकिन ये दोनों दुनिया में सच्चे मार्शल आर्ट में निपुण और कई अन्य दांवपेच जानते हैं जिससे उन्हें अन्दुरुनी दिक्कत हो सकती है। इन सभी कारणों की वजह से लेस्नर लम्बे समय तक नहीं दिख सकते हैं वैसे भी वह समय-समय पर नजर आते रहे हैं। अब जब बहुत कम ही पे-पर-व्यू मुकाबले बचे हैं तो फैन्स जितना हो सके उतना उन्हें एन्जॉय कर लेना चाहिए।
#2 शेड्युल से कम होते विकल्प
ये बात सभी को पता है कि लेस्नर का WWE के साथ करार है कि वह साल भर में कुछ ही तारीखों में काम करते हैं। ज्यादातर वह पीपीवी में और हाल ही में WWE नेटवर्क के बनाये कुछ नए इवेंट में दिखते हैं। WWE की क्रिएटिव टीम उन्हें लम्बे समय तक बतौर चैंपियन बनाकर नहीं रख सकती है। खासकर वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप तो उनके हवाले बिलकुल ही नहीं कर सकती है। रोस्टर की संख्या और लम्बे समय तक चलने वाले स्टोरीलाइन को देखते हुए लेस्नर ख़िताब नहीं कैरी कर सकते हैं। उनके साथ सीमा भर ही रह सकती है।
#3 नो गिफ्ट ऑफ़ गैब
ब्रॉक लेस्नर में रेसलिंग की सारी खूबियाँ हैं, लेकिन उनकी एक सबसे बड़ी कमजोरी है, जो प्रोफेशनल रेसलिंग में नहीं होनी चाहिए। वह है माइक्रोफोन पर उनकी बोलने की क्षमता। वह अक्सर अपने विपक्षी से बराबर बहस नहीं कर पाते हैं। इसी कमी की भरपाई करने के लिए लेस्नर हमेशा मेनेजर पॉल हेमन के साथ नजर आते हैं। लेकिन ये एक बार फिर ये लिमिट उन्हें स्टोरी में फिट नहीं बैठने देती है। वह हेमन से अलग नहीं किए जा सकते हैं। हेमन उनके माइक क्षमता को अक्सर पूरा करते हुए दिखाई देते हैं। लेस्नर हमेशा एक उतरे हुए चेहरे के साथ आते हैं। ये बहुत बड़ी डील नहीं है। लेकिन लेस्नर के लिए रोस्टर की स्टोरी में काम करने के लिए जरूरी है।
#4 मूव्स की कमी
साल 2014 में जब समरस्लैम में लेस्नर ने जॉन सीना को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराया था। तो उन्होंने सीना को जर्मन सप्लेक्स के जरिये रिंग में चरों ओर खूब नचाया था। ये देखना वाकई प्रभावशाली था। वह उन्हें बार-बार जर्मन सुप्लेक्स से रिंग में उछाल रहे थे। बीते दो सालों से अगर देखें तो सामान्य रूप से लेस्नर लगातार यही मूव दोहराते रहे हैं। यहाँ तक की रेसलमेनिया-32 में डीन एम्ब्रोज के साथ स्ट्रीट फाइट में भी उन्होंने इन्हीं मूव्स का इस्तेमाल किया था। साफ़ तौर पर अगर कहें उनके इस मूव में लोगों के लिए मनोरंजन के लिए बस एक ही चीज दिखती है कि एक 300 पौंड का मोंस्टर 220 पौंड वाले को लगातार अपने सर के बराबर उठा ले रहा है। लेकिन रेसलिंग के फैन अपने स्टार रेसलरों से रेसलिंग के अन्य मूव्स भी देखना चाहते हैं।
#5 बोरिंग बुकिंग
पहली और जरूरी बात, लेस्नर वास्तविकता में हर मुकाबले जीतते हैं। तकरीबन हर मुकाबले में वह WWE के सुपरस्टारों में सबसे ताकतवर माने जाते हैं। जिससे उनके विपक्षी रेसलर उनके मुकाबले में उनसे बहुत छोटे लगते हैं। इस वजह से लेस्नर के लिए सीमित स्टोरीलाइन ही बन पाती है। जब उनका मुकाबला होता है, तो हमें आईडिया लग जाता है कि वह इसे जीत जायेंगे। फिर ऐसे मुकाबले बोरिंग हो जाते हैं। हालाँकि फ़ास्टलेन वह तब हारे थे, जब रोमन रेंस और डीन एम्ब्रोज ने मिलकर उनसे मुकाबला किया था। लेकिन लेस्नर ने एक भी सिंगल मुकाबले नहीं हारे हैं। लेखक-जेरेमी, अनुवादक-मनोज तिवारी