हाल ही में रैसलमेनिया 33 पर ब्रॉक लैसनर ने गोल्डबर्ग को हराकर यूनिवर्सल चैंपियनशिप पर कब्जा किया था। सबसे पहले हमें इस चीज से बाहर आना होगा कि ब्रॉक लैसनर एक विश्वशनीय चैंपियन हैं, अगर WWE बिना किसी स्टोरलीइन के फाइट करा सकता है तो कुछ ऐसे रैसलर है जो द बीस्ट यानी ब्रॉक लैसनर को हरा सकते है, जो कि बहुत विशाल, एथलेटिक और मिक्स्ड माशर्ल आर्ट में ट्रेंड हैं। WWE जो कि इस स्पोर्टस एंटरटेनमेंट को एक स्टोरीलाइन के जरिए दिखाता है उससे कहीं अधिक है और यह स्टोरीलाइन सप्ताहिक टेलीवीजन शो में शामिल है। इसके कारण ब्रॉक लैसनर का यूनिवर्सल चैंपियन बनने का निर्णय सही नहीं है। हम आपको उन 5 कारणों के बारें में बताने जा रहे हैं, जिनसे यह कहा जा सकता है कि ब्रॉक लैसनर को यूनिवर्सल चैंपियन नहीं होना चाहिए था।
दूसरे रैसलर इसके ज्यादा हकदार थे
मंडे नाइट रॉ के शो को स्मैकडाउन के शो के मुकाबले काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। ऐसा हो ही नहीं सकता है कि रॉ ब्रांड पर बिना एक गलती किए शो पूरा हो, और उनमे से सबसे बड़ी गलती, जो कि सभी को दिख रही है वह है यूनिवर्सल चैंपियन में। रॉ पर लैसनर और गोल्डबर्ग एक पार्ट टाइमर रैसलर के रुप में है जबकि पूर्व वर्ल्ड और यूनिवर्सल चैंपियन जैसे रोमन रेंस, सैथ रॉलिंस, फिन बैलर, क्रिस जैरिको, शेमस और केविन ओवंस जो कि मंडे नाइट रॉ पर पूरा काम कर रहे हैं। इसके अलावा रॉ पर सैमी जैन, समोआ जो, ब्रॉन स्ट्रोमैन और चोटिल रुसेव के अलावा टैग-टीम के प्रतियोगी बिग ई औऱ सिजेरो भी हैं, जो सबकी पंसद बन सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह सारे रैसलर टीवी और लाइव इवेंट दोनों में परफार्मर कर रहे हैं, लेकिन वाबजूद इसके इन रैसलर को नज़रअंदाज करके कंपनी ने पार्ट-टाइमर रैसलर को ज्यादा तरजीह दी है। हमें लगता है कि यह रैसलर ब्रॉक लैसनर से ज्यादा यूनिवर्सल चैंपियनशिप के हकदार थे।
रॉ को नुकसान
रॉ के रोस्टर पर इतने सारा टैलेंट होने के बावजूद रॉ को शो अभी भी स्मैकडाउन से पीछे चल रहा है, जोकि फैंस की सख्या से पता चलता है। हम इस आधार पर कह सकते हैं कि इस समय स्मैकडाउन पर फैंस ज्यादा है इससे यह साबित होता है कि रॉ, स्मैकडाउन से पीछे है, लेकिन ब्रॉक लैसनर के रुप चैंपियन मिलने के बाद फैंस में यह उत्सुकता बढ़ जाती है कि इसके बाद उन्हें द बीस्ट का बेस्ट देखने को मिलेगा। लेकिन जैसा कि WWE फैंस को पता है कि वह अन्य टैलेंट के मुकाबले रोस्टर पर ज्यादा नज़र नहीं आते है, और फिलहाल वह इस महीने के अंत तक पेबैक पर अपनी बेल्ट का बचाव करने के लिए तैयार नहीं है। हम मानते है कि टॉप बेल्ट को हर पे-पर-व्यू पर डिफेंड करने की जरुरत नहीं है लेकिन WWE के पे-पर-व्यू की अधिक संख्या को देखते हुए हमने कम अंतराल पर कार्ड पर वर्ल्ड टाइटल मैच देखे हैं।
खराब व्यवहार को पुरस्कृत करना
ब्रॉक लैसनर उन रैसलरों में एक है, जो रोस्टर पर बाकी रैसलरो की तरह रुल को फॉलो नहीं करते हैं। लैसनर अपने विरोधी का सामना करते समय अपने अलग के तरह रुल फॉलो करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें रोस्टर पर मौजूद बाकी रैसलरों से अधिक पैसा दिया जाता है, यहां तक कि उन्हें जॉन सीना से भी ज्यादा पे किया जाता है। लैसनर उन रैसलर में से है जो जैसी स्टोरी चाहते है वैसी स्टोरी पर काम करते हैं। यह वाकई में बहुत ज्यादा निराशजनक है, लेकिन एक पार्ट टाइमर के रुप में वह ड्रग परीक्षण और वेलनेस पॉलिसी के अधीन भी नहीं है
फैंस को गलत संदेश जाना
रॉ के एक सेगमेंट के दौरान हमने लैसनर के एक यूनिवर्सल चैंपियन के रुप में दो टाइटल फिउड देखी। लैसनर का गोल्डबर्ग के साथ कोई भी रीमैच होने का तथ्य नहीं था और लैसनर और उनके एडवोकेट पॉल हैमन रोमन रेंस के सेट होने के लिए तैयार दिख रहे थे, जिन्होंने रैसलमेनिया पर अंडरटेकर को पराजित किया है। इसके अलावा हमने ब्रॉन स्ट्रोमैन को बिना किसी वज़ह के रोमन रेंस के खिलाफ फोकस करते देखा। समस्या यह है कि फैंस WWE की प्रवृत्तियां जानते हैं। अगर लैसनर स्ट्रोमैन का सामना जून में एक्सट्रीम रुल्स या फिर बैड ब्लड में करते हैं तो ऐसा लगता है कि उनके इन इवेंट पर बेल्ट छोड़ने की संभावना कम है। लैसनर अगर स्ट्रोमैन का सामन समरस्लैम से पहले करते हैं तो फैंस को कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वह यूनिवर्लस चैंपियनशिप को लेकर कोई उत्सुकता नहीं दिखाना चाहते है।
सिर्फ पावर दिखाना काम नहीं आएगा
WWE में सिंगल-इवेंट ड्रॉइंग पावर लगभग अप्रासंगिक है। बेशक, कंपनी नामों को उन कार्डों पर रखना चाहती है जो दर्शकों को आकर्षित करती हैं। लेकिन चूंकि नए दर्शक WWE नेटवर्क को नि: शुल्क पहले महीने के लिए मिलते हैं।हमें लगता है कि फोकर स्टोरीलाइन और व्यक्तित्वों पर अधिक होना चाहिए जिससे कि लबें समय कर फैंस उससे जुडे रहे। लैसनर जितने समय के लिए आते है उससे कहीं ज्यादा समय के लिए ब्रेक ले लेते है। हमें लगता है कि WWE को इन बड़ी गलतियों से बचना होगा। लेखक:जेरेमी , अनुवादक: अंकित कुमार