ब्रॉक लैसनर WWE के एक बार फिर से चैंपियन चुके हैं। वे ताकतवर हैं, उनका फाइटिंग का बैकग्राउंड भी है और उनकी मौजूदगी ही दर्शकों को रिंग की ओर खींच लाती है। इसके साथ ही उनके पास पॉल हेमन जैसा प्रभावशाली मैनेजर भी है। लेकिन इन सब पॉजिटिव के बावजूद ब्रॉक लैसनर के साथ सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि वे पार्ट टाइम रैसलर हैं। चैंपियनशिप किसी ऐसे रैसलर के साथ होनी चाहिए, जो हर हफ्ते दो हफ्ते में हमें रॉ में नज़र आए और हमारा मनोरंजन करे। जैसे कि फिन बैलर, रोमन रेन्स या सैथ रॉलिंस। आज हम नज़र डालेंगे उन 5 कारणों पर जो बताएंगे पार्ट टाइम रैसलर रखना बेकार आइडिया है।
वीकली प्रोडक्ट की वैल्यू गिर जाती है
मंडे नाइट रॉ एक वीकली शो है। वहीं पे-पर-व्यू हर महीने-दो महीने में होता है। WWE फैंस कंपनी के टॉप चैंपियन को हर वीक देखना चाहते हैं, न कि महीने में एक दो बार। यह जरुरी नहीं है कि लैसनर को हर मैच में फाइट कराई जाए, लेकिन कम से कम उनकी मौजूदगी तो रॉ जैसे शो में रहनी ही चाहिए। क्योंकि WWE चैंपियन के न होने से शो की क्वॉलिटी काफी कम होती है।
WWE चैंपियनशिप से फोकस हट जाता है
WWE एक वैध स्पोर्ट है, जहां सुपरस्टार्स अपना मैच और चैंपियनशिप जीतने के लिए हर वक़्त फाइट करते हैं और अपनी पूरी जान लगाते हैं। लेकिन जब कंपनी का सबसे बड़ा चैंपियनशिप स्क्रीन में ही नहीं है, तो बाकि रैसलर किस चीज़ के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं। ब्रॉन स्ट्रोमैन और रोमन रेन्स की फिउड कुछ दिनों से शानदार हो रही है। लेकिन दोनों ही रैसलर किस चीज़ को हासिल करने के लिए यह फिउड कर रहे हैं? क्योंकि टाइटल तो ब्रॉक लैसनर के हाथों में है और वे तो रॉ का हिस्सा ही नहीं होते हैं।
ओपन चैलेंज की पॉसिबिलिटी भी नहीं रहती
जब सैथ रॉलिंस चैंपियन थे, तो उनकी चैंपियनशिप डिफेंस का सबसे यादगार मोमेंट तब आया था, जब नेविल ने उनके ओपन चैलेंज को एक्सेप्ट किया था और दोनों के बीच शानदार मैच हुआ था, जिसमे नेविल जीतते-जीतते हार गए थे। बिना तैयारी के, अपना टाइटल डिफेंस करने का कॉन्सेप्ट फैंस के लिए बेहद रोचक होता है। लेकिन लैसनर के पार्ट टाइम रैसलर होने से, ऐसे ओपन चैलेंजे की पॉसिबिटी खत्म हो जाती है।
30 दिन का टाइटल डिफेंस का रूल नज़रअंदाज़ हो जाता है
WWE ने इसके पहले कई सुपरस्टार्स को 30 दिन में टाइटल डिफेंस न कर पाने के कारण, उनसे चैंपियनशिप छीन ली थी। लेकिन लैसनर के साथ उन्होंने खुद के बनाए हुए रूल्स को तोड़ दिया है। डेनियल ब्रायन और शॉन माइकल्स दोनों की चैंपियनशिप छीनी गई थी। सभी WWE चैंपियंस ने अपने टाइटल को समय-समय पर डिफेंड किया है, लेकिन लेसनर के पार्ट टाइम होने से यह पॉसिबिलिटी भी नहीं रहती।
यह दूसरे सुपरस्टार्स से टॉप कार्ड होने का मौका छीन लेता है
लैसनर शुरुआत से ही WWE के सबसे बड़े और डोमिनैंट सुपरस्टार रहे हैं। वे एकलौते ऐसे रैलसर हैं, जिन्होंने UFC में भी सफलता हासिल की है। उनके मुकाबल चैंपियनशिप के लिए हो या न हो, फैंस को उनमे हमेशा इंट्रेस्ट रहेगा। वहीं अगर फिन बैलर या सैथ रॉलिंस WWE चैंपियन बनते हैं, तो इससे उनके मुकाबलों में फैंस का इंट्रेस्ट आएगा। एक चैंपियन की जिम्मेदारी रेगुलर सुपरस्टार्स से अलग होती है और लेसनर के चैंपियन बनने से बाकी रैसलर्स का टॉप कार्ड बनने का मौका एक तरह से छीना जा रहा है। लेखक- ब्रैंडन कार्नी, अनुवादक- मनु मिश्रा