इस हफ्ते स्मैकडाउन लाइव के कमिश्नर शेन मैकमैहन ने टीम रॉ और टीम स्मैकडाउन के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर काफी खुलासे किये। पिछले हफ्ते शेन मैकमैहन अपनी टीम स्मैकडाउन को रॉ पर ले गए और उनके शो पर कब्जा कर लिया था। इस हफ्ते डेनियल ब्रायन अकेले रॉ पर गए जहां अंधेरे रूम में केन ने उन्हें चोकस्लैम दे डाला। वहां पर स्टेफ़नी मैकमैहन ने वापसी करते हुए कर्ट एंगल को रॉ टीम का कप्तान बनाया। इसके जवाब में शेन मैकमैहन ने भी खुद को टीम स्मैकडाउन का कप्तान बना लिया। हमारे ख्याल से ये निर्णय गलत था और ऐसा कहने के लिए मेरे कुछ वजह है। ये रही 5 वजह क्यों शेन मैकमैहन को टीम स्मैकडाउन का कप्तान नहीं बनना चाहिए था:
#5 दोबारा हम मैकमैहन के बीच फिउड नहीं देखना चाहते
विंस मैकमैहन कंपनी के चेयरमैन हैं और उनका परिवार ये शो चलाता है और इस बेहतरीन काम के लिए हम उनका सम्मान करते हैं। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हमेशा वो ही मुख्य आकर्षण बने रहे। विंस की बेटी, स्टेफ़नी और बेटे शेन काफी समय से रैसलिंग बिज़नेस में हैं और कई ख़िताब अपने पास रख चुके हैं। पिछले साल जब WWE के दोनों ब्रैंड को अलग किया गया तो स्टेफ़नी को रॉ और शेन को स्मैकडाउन का जनरल मैनेजर बनाया गया। भाई और बहन के बीच झगड़ा होगा ये हमे मालूम था लेकिन हम ये नहीं जानते थे कि सर्वाइवर सीरीज स्टेफ़नी शो बनाम शेन शो हो जाएगा। इसके उलट सर्वाइवर सीरीज पर सुपरस्टार्स को ये साबित करना चाहिए था कि कौन सा रोस्टर बेहतर है।
#4 किसी अन्य सुपरस्टार की जगह लेना
जब स्मैकडाउन को गुरुवार रात की जगह मंगलवार रात को शिफ्ट किया गया तब विंस उस शो को चलाने के लिए किसी बेबीफेस को ढूंढ रहे थे ताकि उससे शो की लोकप्रियता बढ़े। स्टेफ़नी अपने हील रूप में थी और इसलिए शेन मैकमैहन को वापस बुलाकर नया स्मैकडाउन लाइव सौंपा गया जिसे "लैंड ऑफ अपॉरचुनिटी" कहा जाने लगा। शुरुआती फेज ने ये शो बिल्कुल अपने नाम के हिसाब से चला और स्टार्स को कई मौके मिले लेकिन अब लगता है शेन के अंदर का मैकमैहन जाग उठा है। रैसलमेनिया पर अंडरटेकर और फिर एजे स्टाइल्स के खिलाफ लड़ना, पिछले साल के सर्वाइवर सीरीज में लड़ना और फिर केविन ओवन्स के खिलाफ फिउड करना। शेन अब एक फुल टाइम सुपरस्टार बन गए हैं। एक बार फिर शेन टीम स्मैकडाउन का हिस्सा बन चुके हैं और वो टाय डिलिंजर, केविन ओवन्स या फिर सैमी जेन जैसे स्टार की जगह ले चुके हैं।
#3 पिछले साल की टीम दोहराई जाएगी
पिछले सीजन टीम स्मैकडाउन में शेन मैकनैहन, डीन एम्ब्रोज़, एजे स्टाइल्स, रैंडी ऑर्टन और ब्रे वायट थे। इस बार रैंडी ऑर्टन और शेन मैकमैहन को वापस स्मैकडाउन की सर्वाइवर सीरीज टीम में होने का मौका मिला है। हालांकि रॉ पर सैथ रॉलिन्स और ब्रॉन स्ट्रोमैन को भी वापस जगह मिली है, लेकिन उनकी परिस्थिति थोड़ी अलग है। एजे स्टाइल्स भी इस टीम से जुड़ेंगे और अगर ये हो गया तो हमे पिछले साल के सर्वाइवर सीरीज टीम में से तीन स्टार्स वापस एक बार ब्लू टीम की ओर से लड़ते देखने मिलेंगे। शेन अगर इस मैच का हिस्सा नहीं बनते तो उनकी जगह किसी अन्य स्टार को मौका मिलता और ये शो सही में 5 ऑन 5 एलिमिनेशन मैच लगता।
#2 पिछले साल शेन TKO से बाहर हो गए थे
शेन मैकमैहन कमाल के शेप में हैं और उन्हें लड़ने का मौका मिलना चाहिए। लेकिन वो किसी युवा स्टार जितने तेज नहीं हैं और ना ही उनके जितने जोरदार पंच मारते हैं। आज रिंग में काम करने को लेकर काफी सीमाएं बढ़ाई जा चुकी है। 2016 के बाद शेन द्वारा लड़े मैचेस में वो केवल दो बार अपने पैरों पर खड़े होकर बाहर गए हैं। बाकी समय उन्हें स्ट्रैचर के सहारे ही बाहर जाना पड़ा। जिसमें पिछले साल का सर्वाइवर सीरीज मैच भी शामिल है। रोमन रेन्स के जोरदार स्पीयर से शेन चोटिल हो गए थे और उन्हें TKO के सहारे एलिमिनेट करने का फैसला किया गया। हम वापस इस साल उस घटना को देखना नहीं चाहते।
#1 ये डेनियल ब्रायन की जगह है
जहां शेन मैकमैहन, रॉ के कर्ट एंगल के खिलाफ स्मैकडाउन की अगुवाई करने के किये बेताब है तो वहीं हम सब जानते हैं यहां पर ये काम डेनियल ब्रायन को करना चाहिए था। स्टेफ़नी और शेन मैकमैहन शो के कमिश्नर हैं तो वहीं कर्ट एंगल और डेनियल ब्रायन उनके शो के जनरल मैनेजर हैं। इसलिए यहां पर दोनों जनरल मैनेजर के बीच भिड़ंत कंपनी के लिए सबसे सही विकल्प साबित होती। जहां कर्ट एंगल ने TLC पीपीवी में वापसी की तो वहीं डेनियल ब्रायन को सर्वाइवर सीरीज पीपीवी में लौटना चाहिए था। इससे दर्शकों को एक क्लासिक मैच देखने मिलता। डेनियल ब्रायन द्वारा स्मैकडाउन टीम की अगुवाई से हमे यहां पर सबसे जोरदार "यैस" चैंट्स सुनने मिलता। इसके बाद दोनों ब्रैंड्स के GM की भिड़ंत बेहद खास होती। अगर रिंग में वापसी करने वाले ब्रायन जीत जाते तो स्टेफ़नी, कर्ट एंगल को काम से निकाल देती। स्टोरीलाइन की नज़र से भी ये विकल्प दिलचस्प दिखाई दे रहा है। लेखक: हंटर, अनुवादक: सुर्यकांत त्रिपाठी