मैं यहाँ पर कुछ गलत नहीं कह रहा हूँ। रविवार रात को साशा बैंक्स और शार्लेट ने इतिहास रचा। उन दोनों के बीच केवल पहला हैल इन ए शैल मैच नहीं हुआ, बल्कि पहली बार महिलाओं ने किसी पे-पर-व्यू का समापन किया है। इसकी टाइमिंग अच्छी थी क्योंकि शो साशा बैंक्स के होमटाउन में आयोजित की गयी थी और हमे पता था कि साशा बैंक्स शो की मुख्य आकर्षण होंगी। इसमें कोई शक नहीं की उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, लेकिन मैच का नतीजा वैसा नहीं रहा जैसी हमने अपेक्षा की थी। खासकर दो कमाल की एंट्रेंस के बाद। ये रही महिलाओं के पहले हैल इन ए सैल पे-पर-व्यू की कुछ कमियां: #5 ये मैच हम कई बार देख चुके हैं अब जब WWE रॉस्टर 2 हिस्सों में बंट चुका है, तो महिलाओं का डिविजन पेपर पर काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। इसके नतीजे से हमे हर हफ्ते रॉ पर वहीँ देखें दिखाए मैचेस देखने मिलते हैं। शार्लेट और साशा बैंक्स को हम NXT के दिनों से लेकर ब्रैंड के विभाजन तक कई बार आपस में भिड़ते हुए देख चुके है। इस बार फर्क इस बात का था कि उनकी भिड़ंत हैल इन ए सैल में हुई। अब अगर यहाँ पर साशा बैंक्स को उनका रीमैच मिल गया तो हमे इन दोनों को वापस देखना पड़ेगा। इतिहास की नज़र से हम इस मैच को लेकर खुश हैं, लेकिन असलियत में इसमें कुछ नया नहीं है। आप हमें गलियां दें उसके पहले बता दूं कि हमे दोनों के मैच से खुश हैं। #4 वहीँ पुराना स्ट्रेचर वाला सीन पहली बार किये जाने के लिए ये अच्छा आईडिया था। लेकिन ऐसा हर बार होता है इसलिए उसमें वो बात नहीं बची। शार्लेट और साशा बैंक्स का मैच रिंग के बाहर भिड़ंत से शुरू हुई। जब साशा बैंक्स को टेबल पर फेंका गया तब हम अपने सामने क्लासिक मैच को घटते हुए देख रहे थे। और हमे वापस स्ट्रेचर देखने मिला। वही चीज़ जो हमने डीन एम्ब्रोज़ और सैथ रॉलिन्स के बीच दो साल पहले हैल इन ए सैल पर देखी थी और डेनियल ब्रायन के साथ रैसलमेनिया 30 पर देखी थी, वहीँ हमने रविवार को भी देखी। साशा जब स्ट्रेचर से उठकर रिंग में वापस लड़ने लौटी तब उनके अनुभव की कमी दिखाई दी और ऐसा लगा की उन्हें ये सुनहरा मौका देने में कहीं जल्दबाज़ी तो नहीं हो गयी। #3 रॉलिन्स और ओवन्स ने पहले से शो का सारा श्रेय चुरा लिया था एजे स्टाइल्स, सिजेरो और सेमी जेन को छोड़ दिया जाये तो केविन ओवन्स और सैथ रॉलिन्स रॉस्टर के सबसे अच्छे रैसलर्स हैं। इसमें क्रिस जेरिको को जोड़ दीजिए आपको पक्का एक बहुत अच्छा और मजेदार पे-पर-व्यू देखने मिलेगा। लेकिन यहाँ पर यूनिवर्सल चैंपियनशिप वाला मुकाबला शो के बीच में हुआ और जैसा हमे समरस्लैम में जॉन सीना और एजे स्टाइल्स की भिड़ंत में देखा था, वैसा ही हमे इस बार भी देखने मिला। पूरे शो का श्रेय रॉलिन्स और ओवन्स के बीच के मुकाबले को मिला। महिलाओं के हैल इन ए सैल तक दर्शक थक चुके थे और इसका बुरा परिणाम महिलाओं के मैच पर पड़ा। हालांकि मेन इवेंट पर दर्शकों में जोश भर गया था, लेकिन दोनों महिला रैसलर्स मिलकर भी केविन ओवन्स और सैथ रॉलिन्स की बराबरी नहीं कर सकीं। #2 कमज़ोर स्टोरीलाइन NXT में हुए साशा बैंक्स और बेली के मुकाबले के विपरीत इस मैच में फ्लो नहीं दिखा। ना इसमें यादगार बननेवाली स्टोरीलाइन थी। दोनों महिलाओं में काबिलियत की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें कुछ विभगों में काम करने की सख्त जरूरत है। उसमें से एक है साइकोलॉजी, जैसा हम फ्लेयर और स्टीमबोट के मुकाबले में देखा करते थे, जहाँ पर हर मूव का कोई मतलब बनता था। या फिर ब्रेट हार्ट के मैचेस जहाँ पर वे किसी न किसी शरीर के अंग से काम करते थे। इसमें कई छोटी-छोटी बातें होती हैं, एडी ग्युरेरो की श्रद्धांजलि वाला शो भी बढ़िया था, लेकिन उसमें भी थोड़ी खमियां थी। #1 फिनिश पर सवाल खड़े हुए जैसा की केविन ओवन्स ने टॉक इस जेरिको पर कहा था, कोई भी पूरा मैच याद नहीं रखता, वे केवल नतीजे को ध्यान में रखते हैं। आंद्रे द जाइंट और हल्क हॉगन के बीच का रैसलमेनिया 3 का मैच कुछ खास नहीं था, लेकिन हॉगन के हाथों जाइंट को मिली मार सभी को याद है। WWE के वापस जादू करने का मौका था, लेकिन उन्होंने एक बार फिर मौका गंवा दिया। उनके होमटाउन के दर्शक बेबीफेस को जीतते हुए देखना चाहते थे, लेकिन मैच के नतीजे से उन्हें निराशा हुई। क्या WWE दर्शकों की भावनाओं को नहीं समझ सकती? लेखक: रिजु डासगुप्ता, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी