ब्रॉक लैसनर का WrestleMania 34 तक यूनिवर्सल चैंपियन बने रहने की 5 वजह

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इस हफ्ते मंडे नाइट रॉ पर ब्रॉक लैसनर के एडवोकेट, पॉल हेमन ने सभी के सामने ये बात साफ कर दी कि अगर लैसनर समरस्लैम 2017 पर अपना यूनिवर्सल चैंपियनशिप नहीं बचा सकें तो वो कंपनी छोड़ देंगे। हेमन के इस घोषणा के बाद दर्शकों को समझ नहीं आ रहा कि वो यहां किसका समर्थन करें। इस तरह के स्टोरीलाइन को देखकर कई लोग खफा हैं। लैसनर हर हफ्ते शो पर नहीं दिखते और उनके मैच में केवल F5 और जर्मन सुप्लैक्स होते हैं। लैसनर भले ही कुछ भी कहें वो यूनिवर्सल चैंपियनशिप को उतनी अहमियत नहीं देते। वहीं इसके उल्ट कुछ ऐसे भी लोग हैं जो चाहते हैं कि लैसनर यूनिवर्सल चैंपियनशिप बने रहे। इसके अलावा लैसनर का रैसलमेनिया 33 तक चैंपियन बने रहने में ही भलाई है। इससे कई दर्शक लगातार शो से जुड़े रहेंगे और आने वाले शो को लेकर उत्साहित होंगे। इसके अलावा उनके साथ बाकी रैसलर्स को भी बढ़ने का मौका मिलेगा। 5 वजह जो साबित करते हैं कि ब्रॉक लैसनर का रैसलमेनिया 33 तक चैंपियन बना रहना सही कदम होगा:

#5 ब्रॉक लैसनर छह महीनों तक कंपनी नहीं छोड़ेंगे

एक बात तो यहां पर साफ है अगर समरस्लैम पर ब्रॉक लैसनर की हार हुई तो वो पॉल हेमन की बात को सच साबित करते हुए कंपनी छोड़ देंगे। कुछ समय के लिए ही सही लेकिन कंपनी ज़रूर छोड़ेंगे। नए UFC लाइटहैवीवेट चैंपियन जॉन जोंस और ब्रॉक लैसनर के बीच MMA सुपर फाइट की अफवाहें हैं और WWE ने अपनी स्टोरी में इन अफवाहों का पूरा इस्तेमाल किया है। आप इसे चाहे किसी भी नज़र से देखें लैसनर का कंपनी से जुड़े रहने में ही भलाई है। कुछ महीनों के लिए ही सही लेकिन उनकी गैरमौजूदगी कंपनी को काफी खलेगी।

#4 हम लैसनर को ज्यादा देख सकते हैं

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पिछले प्वाइंट को आगे बढ़ाते हुए ये कहा जा सकता है कि लैसनर का शो के साथ बने रहना जरूरी है। कई लोग हैं जो लैसनर के पार्ट टाइमर होते हुए मंडे नाइट रॉ का सबसे बड़ा ख़िताब अपने पास रखने की आलोचना करते हैं। लेकिन ये वही लोग हैं जो हर हफ्ते ब्रॉक लैसनर को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। अगर रैसलमेनिया 34 तक लैसनर अपना ख़िताब बचाने में कामयाब होते हैं तो उन्हें देखने वाले दर्शकों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है। सर्वाइवर सीरीज, रॉयल रम्बल और रैसलमेनिया कुछ ही महीनों के अंतराल में हैं और ऐसे में हमे ज्यादा से ज्यादा लैसनर को देखने मिलेगा। ख़िताब अगर लैसनर के पास होगा तो उन्हें WWE को ज्यादा से ज्यादा समय देना पड़ेगा। ब्रॉक लैसनर के रिंग में आने से रिंग का माहौल बदल जाता है और इसलिए उनकी मौजूदगी मायने रखती है।

#3 WWE यूनिवर्सल चैंपियनशिप की काफी अहमियत है

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रॉ के साथी शो स्मैकडाउन लाइव के चैंपियनशिप पर एक नज़र डालिए वहां फुल टाइम रैसलर जिंदर महल चैंपियन हैं लेकिन उनके मैचेस मेन इवेंट मैचेस नहीं लगते। इसके उल्ट मंडे नाइट रॉ पर पार्ट टाइमर ब्रॉक लैसनर चैंपियन हैं और उनके मैचेस की अहमियत हम सभी जानते हैं। ब्रॉक लैसनर बने इस ख़िताब का महत्व बढ़ा दिया है। उनके कारण हम हर हफ्ते उसे देखना पसंद करते हैं। केवल अहम मौकों पर लैसनर इस ख़िताब के साथ होते हैं और इसलिए इस ख़िताब को देखने के लिए सभी दर्शक उत्सुक रहते हैं।

#2 अपर मिड कार्ड को चमकने का मौका मिलेगा

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ब्रॉक लैसनर हर हफ्ते शो पर नहीं होते और उनकी गैरमौजूदगी में शो को किसी अन्य रैसलर को आगे बढ़ाना पड़ता है। ऐसे में कई नए चेहरों को मौका मिलता है। मंडे नाइट रॉ, शो के रॉस्टर में टैलेन्ट की कोई कमी नहीं है। इस समय सैथ रॉलिन्स, ब्रे वायट, डीन एम्ब्रोज़ और फिन बैलर मिड कार्ड रैसलर्स हैं और ब्रॉक लैसनर की अनुपस्थिति में इन्हीं स्टार्स को आगे बढ़कर शो चलाते हैं और सभी दर्शकों के सामने अपने स्किल्स दिखाते हैं। जब लैसनर नहीं थे तो उस समय रोमन रेन्स और ब्रॉन स्ट्रोमन ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने आप को मुख्य इवेंट स्टार साबित किया। ऐसा ही कुछ मौजूदा अपर कार्ड रैसलर्स कर सकते हैं। अंत मे WWE यूनिवर्स के पास अच्छे रैसलर्स होंगे जो किसी बड़े स्टार की अनुपस्थिति में भी शो का स्तर गिरने नहीं देंगे।

#1 रैसलमेनिया 34 पर लैसनर को हराने वाले स्टार तैयार किया जा सकता है

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रोमन रेन्स, ब्रॉन स्ट्रोमैन, सैथ रॉलिन्स हो या फिर समोआ जो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर ब्रॉक लैसनर रैसलमेनिया 34 तक ख़िताब बचा लेते हैं तो अंत मे उन्हें इन्हीं स्टार्स के खिलाफ लड़ने का मौका मिलेगा। इसमें से ही कोई रैसलर ब्रॉक को हराकर ख़िताब जीतेगा और कंपनी में अपने पैर मजबूत कर पाएगा। ब्रॉक लैसनर पहले रैसलर थे जिन्होंने रैसलमेनिया के मंच पर द डैडमैन अंडरटेकर को हराया था और इसलिए रैसलमेनिया के मंच पर ब्रॉक लैसनर को हराना अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि है और अगर इसमें यूनिवर्सल चैंपियनशिप शामिल हो तो इसका स्तर काफी बढ़ जाता है। इसके बाद हमे एक नया लेजेंड मिलेगा। लेखक: आकाश चिलंकी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी