27 जून, 2007 की उस काली रात को प्रो-रैसलिंग के एक धुरंधर रैसलर क्रिस बेन्वा की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पहले पहल तो अफवाहों का बाजार गर्म था, लेकिन जैसे जैसे और बातें बाहर आई, लोग इस बात को सोचकर अचंभित थे कि एक इतने ज़बरदस्त रैसलर ने भला ऐसा कदम क्यों उठाया होगा? सवाल ये भी था कि भला एक ऐसे इंसान की लेगेसी को मानना चाहिए या उसे गर्त में जाने देना चाहिए? बहुत लोग शायद दूसरे ऑप्शन के साथ जाएँ, लेकिन कई ऐसे भी होंगे जो आज भी उनकी लेगेसी को ज़िंदा रखना चाहेंगे। वैसे अंतर्विरोध होना कोई गलत बात नही, लेकिन आज हम आपको बताते है वो 5 कारण जो उन्हें एक अच्छा रैसलर और उनकी लेगेसी को ज़िंदा रखने के दावे को पुख्ता करते हैं।
#1 टेक्निकल टैलेंट का कोई सानी नहीं
वैसे तो बहुत लोग एक हादसे को उनकी कहानी बना चुके है, लेकिन ज़्यादातर लोग ये भूल जाते है कि वो एक जबरदस्त हाई-फ्लायर भी थे। उनके मूव्स ज़बरदस्त थे, चाहे वो क्रिप्प्लर क्रॉसफेस हो या कुछ और। इनके मैचेज़ एड़ी गुरेरो, कर्ट एंगल या क्रिस जेरिको के साथ ज़बरदस्त रहे है। जहां तक बात है इनके हॉल ऑफ फेम इंडक्शन कि तो अगर वो एक आखिरी हादसा नहीं हुआ होता तो उनका करियर वाकई में एक हॉल ऑफ फेम इंडक्शन के काबिल था। क्या WWE उन्हें कभी वो सम्मान देगा जिसके वो हकदार है? #2 वो एक अंडरडॉग थे क्रिस बेन्वा असल में एक अंडरडॉग थे। वो WCW और ECW से WWE में आए और वहाँ पर भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे थे। उन्होंने जिस किस्म की लड़ाइयाँ लड़ी वो कोई आसान नहीं थी। अमूमन फैंस एक अंडरडॉग के तौर पर आए रैसलर के साथ हो जाते हैं, जैसा कि डेनियल ब्रायन और सैमी जेन के साथ हुआ। क्रिस थोड़े अलग थे, क्योंकि वो अपने मूव्स को बहुत ही अच्छे तरह से एक्ज़ेक्युट करते थे। WWE की आदत है कि वो हमेशा ही बॉडी बिल्डर लोगों को पसंद करती हैं। ये एक बड़ी वजह है कि ना सिर्फ क्रिस बल्कि उनके जैसे और भी रैसलर्स कभी भी कम्पनी का चेहरा नही बन सके, भले ही उनमें कितना हुनर था। #3 नास्टेल्जिया का शिकार हुए क्रिस पहले फोर हॉर्समेन का हिस्सा बने, और उन दिनों की एक याद हमारे साथ है। आपको उनके हरे रंग के चश्में याद है ना, और उनका वो किरदार जिसमें वो एक अच्छे रैसलर की तरह पेश हुए। उनके बारे में सबसे अच्छी याद है उनका 2004 में रॉयल रम्बल जीतना और सबसे बुरी वो काली रात जिसने लोगों के दिलों में घर कर लिया है। उन जैसा रैसलर ही नहीं, बल्कि कई ऐसे रैसलर्स जो उनसे ज़्यादा अच्छे थे, सब इसी नास्टेल्जिया का शिकार बने। लोगों ने सिर्फ अच्छी चीज़ें याद रखी, लेकिन वो ये भूल गए कि हर किसी की ज़िंदगी और करियर में एक ऐसा दौर आता है जहाँ उसे उस नास्टेल्जिया की जगह आगे बढ़ने की ज़रूरत होती है, लेकिन लोग इस चीज़ को भूलकर आगे बढ़ने के लिए तैयार ही नहीं थे। आखिरकार वो भी इसका शिकार हुए और वो काली रात भी आई जिसने हमारे बीच क्रिस की सिर्फ यादें ही बाकी रखी। #4 मृतक की तारीफ करना अब ये एक आम चलन है कि आप मरे हुए के बारे में बुरा मत बोलो, चाहे उस इंसान ने कितने भी कुकर्म किए हो। उस दिन सब उसकी तारीफ करते हैं, उसकी अच्छी बातें याद करते हैं, और उसकी बुरी बातों से तौबा करते हैं। अगर आपको यकीन ना हो तो डेविन आर्ट के किंग क़ुएक की ये तस्वीर ले लीजिए, जिसके हिसाब से उन्हें 2017 में हॉल ऑफ फेम का हिस्सा होना चाहिए था। अब ये निर्णय तो WWE को लेने दीजिए, नही? #5 उनकी रैसलिंग के लिए इंटेंसिटी क्रिस में एक बात थी कि वो अपने हर मैच में शत प्रतिशत मेहनत करते थे। अगर किसी को देखना है कि कैसे इन मैचेस में लगातार मेहनत की जाती हैं, तो मिक फोली का अंडरटेकर के साथ हुआ हेल इन अ सेल मैच देख लीजिए। बात ये है की अपने एक मैच में क्रिस ने इतनी मेहनत करी थी कि वो वाकई में कांप रहे थे, और वो मैच भी हार गए थे। इतनी मेहनत के बावजूद भी उनको वो मुकाम नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। लेखक: एंथोनी मैंगो, अनुवादक: अमित शुक्ला